"ये डॉ है के मानता नही न पीछे हटता है और न आगे बढ़ता है भाजपा के गले में लक्कड़ की तरह अटका है न आगे हो रहा न पीछे" ये कहते हुए ताऊ ने मुछो पर ताव देते हुए कहा कि आखिर चाहता क्या है ये राजन।अब ताऊ तो ठहरा पुराना बन्दा और ताऊ का जोड़ जमा बहुत पक्का है तो ताऊ ने कहा "आवो इस बारी भाजपा दा चौबरख होइ गया फतेहपुर चआ खिर ये राजन चाहता क्या है" ताऊ इसी विश्लेषण में लगा था सुबह से ही।आपको बता दें कि जब से डॉ राजन सुशांत भाजपा से बाहर है चार बार चुनाव हो चुके हैं और हर बार भाजपा चुनाव हारी है। भाजपा ने कई उम्मीदवारों को टिकट देकर देख लिया, चाहे वो बलदेव चौधरी हो या कृपाल परमार हो या फिर बलदेव ठाकुर जो दो बार हार चुके हैं डॉ राजन के अलाबा कोई नही जीत पाया।डॉ राजन के बेटे धैर्य ने तो लगभग 13 हजार वोट को भगवा रंग दे दिया और कह दिया कि ये पुरानी भाजपा है अब इस बात पर भी ताऊ खड़क गया फिर हामी भरते हुए कह दिया कि "आबो ए रुस्यो कांग्रेसी भी होइ सकदे जीना डॉक्टरे जो वोट पाया" क्योंकि ताऊ की लाडी ने भी डॉ को वोट डाला था तो ताऊ बिल्कुल नही चाहता था कि मेरी लाडी को भी भाजपाई तमगा लगे।
खैर इस बार जो चुनावी नतीजे थे उनमे डॉ राजन ने बेहतरीन प्रदर्शन किया है और 13 हजार के करीब वोट ले गए वहीं भाजपा 18 हजार के करीब तथा चुनाव जीतने वाली कांग्रेस का कुल वोट है 24449 था।अब ये आंकड़ा जब ताऊ लगा रहा था त ही फोन में टूँ हुई तो देखा फेसबुक नोटिफिकेशन थी ताऊ ने ओपन की तो धैर्य सुशांत की ज्वलंत पोस्ट ने ताऊ को फिर से 7वे आसमान पर पहुंचा दिया धैर्य सुशांत ने अपनी पोस्ट में लिखा था कि "फिर भी शीर्ष में बैठे नेताओं को कुछ समझ नहीं आता।हाँ एक बात ज़रूर है पिछले चुनाव में डा राजन सुशांत जी मात्र 6000 वोट तक सीमित थे और अब 13000 वोट उनके साथ है। यदि डा राजन सुशांत जी पार्टी के बिना नहीं जीत सकते तो पार्टी भी उनके बिना नहीं जीत सकती। इस उपचुनाव में पूरी भाजपा सरकार, मुख्यमंत्री, मंत्री, विधायक और संगठन के लोग दिन रात गाँव-गाँव में डेरा डाले बैठे थे, फिर भी हार गए। जब अगला आम चुनाव होगा तो सब नेता अपने-अपने चुनाव क्षेत्र में व्यस्त होंगे तब भाजपा इससे भी कहीं पीछे जाएगी फ़तेहपुर में, यदि सब कुछ ऐसे ही चलता रहा तो"
बस इन्ही शव्दों से ताऊ प्रचंड ताऊ कि आखिर डॉ राजन चाहता क्या है और ताऊ ने बड़े नरम स्वभाव से कह ही दिया" आबो 2022 च डॉ नि डॉक्टरे दे पुत्रे की अगर दिति टिकट तां कुथू भाजपा जीतना नि तां पुली जाओ "
कुलमिलाकर ताऊ ने धैर्य के एक पोस्ट से कयास लगाए कि 2022 में हो सकता है डॉ या धैर्य सुशांत की बापीसी हो ही जाए क्योंकि ये भाजपा यहां कुछ भी संभव है।