ये कहानी है पूरी दुनिया को रोशन करने वाले इंसान थॉमस अल्वा एडीसन की !! थॉमस अल्वा एडीसन ने बल्ब का अविष्कार 1880 में किया था। इस अविष्कार थॉमस कई बार फेल हुए पर कोशिश जारी रखी। यह महान विज्ञानिक अमेरिका के रहने वाले थे, इनको कम बुद्धि बाला बाला कहकर स्कूल से निकाल दिया था। हजारों बार फेल होने के बाबजूद बनाया था बल्ब ! थॉमस ने कई सफल होने के प्रयास किए लेकिन विफलता का सामना करना पड़ा। थॉमस एडीसन को 147 साल पहले, यानी 27 जनवरी 1880 को पहला पेमेंट मिला था।
थॉमस को बिज्ञानिक बनाने उनकी मां ने भरपूर कोशिश की थी, उनकी मां ने एक रसायनिक विज्ञान की किताब भेंट की थी जिसमे रासायनिक फार्मूले लिखे थे। थॉमस को मंदबुद्धि बालक भी कहा जाता था लेकिन बार निराश होने पर भी उनका मनोबल नहीं टूटा और प्रयास करते रहे। पढ़ाई में कमजोर एडीसन ने 10 साल की उमर में अपने घर में लैब त्यार कर ली थी। बल्ब बनाने के सफर में उन्होंने 40 हजार डॉलर खर्च किए थे। जब एडीसन को स्कूल से निकाल दिया था तो स्कूल टीचर ने एक नोट दिया था और उस नोट को अपनी मां को देने के लिए कहा था । जब मां ने नोट पड़ा तो उसमें लिखा था कि आपका बचा बहुत महान है और यहां पढ़ाने वाले टीचर उतने काबिल नहीं हैं आप खुद ही थॉमस को घर पर पढ़ाएं। अपनी मां से यह सुन का एडीसन बहुत खुश हुए और घर पर ही अपनी मां से पड़ने लगे।थॉमस एडीसन ने महान वैज्ञानिक बनने के बाद कहा था, एक महान मां ने उन्हें विज्ञानिक बना दिया और कभी उनका मनोबल टूटने नहीं दिया। थॉमस एडीसन की कहानी से यह सीख मिलती है परिस्थियां कैसी भी हों हमें कामयाबी जरूर मिलती है।