सर, शराब के ठेके बंद करवा दो। मेरे पापा हर रोज शराब पीकर घर आते हैं। नौवीं कक्षा की छात्रा ने जब यह कही तो कुछ देर के लिए कार्यक्रम स्थल पर सन्नाटा पसर गया। पारिवारिक दर्द छात्रा (गुड़िया काल्पनिक नाम) की जुबान पर था और पुलिस अधिकारी खामोश। अचानक उठे इस दर्द भरे आग्रह पर कुछ क्षण में जवाब मिला समाधान होगा। पुलिस ने छात्रा के पिता की काउंसलिंग करवाने का आश्वासन दिया ताकि उससे शराब की लत छूट सके। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल बालूगंज में शनिवार को अमर उजाला के विशेष अभियान ‘पुलिस की पाठशाला’ के कार्यक्रम में छात्रा ने यह बात कही। छात्रा इस बात से खुश नजर आई कि अब पापा की शराब की लत छूट जाएगी।
कार्यक्रम का मकसद स्कूली बच्चों को नशे, सड़क सुरक्षा और साइबर अपराध के बारे में जागरूक करना था। कार्यक्रम में बालूगंज थाना प्रभारी एवं राष्ट्रपति अवार्ड से सम्मानित लक्ष्मण ठाकुर ने बतौर मुख्य वक्ता शिरकत की। उन्होंने अध्यापकों और विद्यार्थियों को नशा न करने की शपथ दिलवाई तथा इसके दुष्प्रभावों बारे जानकारी दी। कहा कि नशे के खात्मे की मुहिम में बच्चे पुलिस परिवार (मित्र) का हिस्सा बने। पढ़ाई और खेल में व्यस्त रहो ताकि उनका ध्यान गलत बातों की तरफ न जाएं। अभिभावकों को चाहिए कि वह बच्चों को अधिक समय दें। आरक्षी लता ने सड़क सुरक्षा और साइबर अपराध से बचाव के उपायों के बारे में जागरूक किया। बताया कि किसी भी अनजान व्यक्ति को सोशल मीडिया पर दोस्त न बनाएं। न ही अपने व्यक्तिगत फोटो और अन्य जानकारी साझा करें। अफवाहें फैलाने और अशोभनीय कमेंट करने से बचें। पुलिस ने छात्रों से आग्रह किया कि नशा तस्करों के बारे में 112, 100 और साइबर क्राइम की 155260 नंबर पर सूचना दें।