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शिमला में नेपाली ने भी झटके 72 अंक, मंडी में मुर्गों को ले जाने वाली गाड़ी का ड्राइवर टॉपर

हिमाचल प्रदेश में पुलिस कॉन्सटेबल भर्ती की लिखित परीक्षा के पेपर लीक मामले में नित दिन नए खुलासे हो रहे हैं. News18 के पुख्ता सूत्रों के अनुसार, जिला शिमला में नेपाली मूल के एक मजूदर ने भी परीक्षा पास की।शिमला के चौपाल क्षेत्र में सेब के बागीचों में काम करने वाले इस नेपाली मजदूर ने 6 लाख रुपये में पेपर की सौदा किया था. उधार लेकर मजदूर ने ये पैसे जुटाए हैं और जिनसे उधार लिया है, उधार देने वालों से ये वादा किया गया था कि जब नौकरी लग जाएगी फिर धीरे-धीरे पैसे लौटाएगा. इस नेपाली मूल के अभ्यर्थी ने 80 में से 72 नंबर हासिल किए हैं।

60 मिनट के पेपर में 80 सवाल हल करना और 72 नंबर हासिल करना अपने आप में सवाल तो खड़े कर रहा था और पुलिस अधिकारियों की शक की सूई बढ़ती जा रही थी. सूत्रों के अनुसार, पुलिस अधिकारियों ने जब इससे पूछा कि मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर किस जिले के रहने वाले हैं तो इसने अपने जबाव में ऊना जिला बताया. राज्यपाल का नाम पूछा तो राजेंद्र प्रसाद बताया, जितने भी सवाल पूछे गए उनके गलत जबाव दिए।सूत्रों ने बताया कि पुलिस पूछताछ में नेपाली मूल के इस अभ्यर्थी ने पेपर की सौदेबाजी की बात कबूल की है. पुलिस पूछताछ में बताया गया कि इसे किसी स्थान पर बुलाया गया था और वहां पर पूरा पेपर दिखाया गया था. इतना ही नहीं, अब तक की तफ्तीश में पता चला है कि शिमला जिले में 6 अभ्यर्थियों ने पेपर के लिए सौदेबाजी की बात को कबूल की है, हालांकि इस मामले पर अब तक शिमला पुलिस ने कोई गिरफ्तारी नहीं की गई, जिन अभ्यर्थियों से पूछताछ की गई है उन पर निगरानी रखी गई है।

मंडी में मुर्गों की गाड़ी चलाने वाला टॉपर इतना ही नहीं, सूत्र ये भी बता रहे हैं कि मुख्यमंत्री के गृह जिले का जो टॉपर है वो मुर्गों को लेकर जाने वाली गाड़ी चलाता है. सूत्रों के अनुसार, पुलिस मुख्यालय में तीन आला अधिकारियों पर शक की सूई घूम रही है, इंतजार अब निष्पक्ष जांच का है. बताते चलें कि ये मामला हाई कोर्ट भी पुहंच गया है. जनहित याचिका दायर करने वाले अधिवक्ता विनय शर्मा ने हाई कोर्ट की निगरानी में सीबीआई जांच की मांग की है।हिमाचल प्रदेश में महिला और पुरुष वर्ग में पुलिस कांस्टेबल के 1334 पदों के लिए 27 मार्च को लिखित परीक्षा आयोजित की गई थी, जिसमें 75,803 परीक्षार्थियों ने हिस्सा लिया था. 5 अप्रैल को इसका परिणाम आया था. लेकिन अब सामने आया है कि इसका पेपर लीक हो गया था और सैंकड़ों अभ्यर्थियों से सौदाबाजी की गई है. मामले में अब तक 15 आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं।

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