हिमाचल प्रदेश में कोरोना के मामले बढ़ने के बाद सरकार ने सख्ती कर दी है। कैबिनेट ने फैसला लिया है कि बाहरी राज्यों से हिमाचल आने वाले लोगों को बिना मास्क अब प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा। सरकारी, गैर सरकारी संस्थानों, अस्पतालों, सार्वजनिक व पर्यटन स्थलों व खुले में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में भी मास्क पहनना अनिवार्य किया गया है। कार्यालयों में भी दो गज की दूरी रखने का निर्णय किया गया है।
राज्य में कोविड-19 की स्थिति पर कैबिनेट के समक्ष एक प्रस्तुति भी दी गई। कैबिनेट ने राज्य में कोविड मामलों की संख्या में वृद्धि और उच्च सकारात्मकता दर पर चिंता व्यक्त करते हुए निर्णय लिया है कि लोगों को सार्वजनिक स्थानों, सरकारी कार्यालयों, शैक्षणिक संस्थानों और इनडोर और आउटडोर सभाओं में फेस मास्क पहनना चाहिए ताकि इसके प्रसार को रोका जा सके।
प्रदेश में गुरुवार को 930 और लोग कोरोना संक्रमित हुए हैं। इसके साथ ही प्रदेश में कोरोन सक्रिय मरीजों का आंकड़ा 5239 पहुंच गया है। बड़ी बात यह है कि अस्पतालों में 76 मरीज ही उपचाराधीन है। प्रदेश सरकार ने स्वास्थ्य विभाग को सैंपल बढ़ाने के निर्देश दिए गए। वर्तमान हिमाचल में पांच हजार से ज्यादा लोगों की सैपलिंग हो रही है। इसे सात से आठ हजार तक करने की बात कही गई। जिला कांगड़ा में सबसे ज्यादा 1253 सक्रिय मरीज हैं। जबकि मंडी में 1044, शिमला 763, हमीरपुर में 384, चंबा 377, बिलासपुर 326, कुल्लू 278, ऊना 243 सिरमौर 234, सोलन 206, किन्नौर 90 और लाहौल-स्पीति 41 सक्रिय मरीज हैं।
बिना मास्क के अस्पतालों में अब नहीं मिलेगा प्रवेश
कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए अब बिना मास्क के जिले के अस्पतालों में प्रवेश नहीं मिलेगा। उपचार करवाने के लिए आने वाले मरीजों और उनके तीमारदारों को मास्क पहनने के बाद ही अस्पताल में प्रवेश दिया जाएगा। आईजीएमसी के प्रशासनिक अधिकारी डॉ. साद रिजवी ने बताया कि अस्पतालों में सभी को मास्क पहनने के सरकार की ओर से निर्देश जारी कर दिए हैं। बताया कि संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए सरकार के आदेशों को सख्ती से अमल करवाया जाएगा। आईजीएमसी के मेक शिफ्ट अस्पताल में मौजूदा समय में कोरोना संक्रमित नौ मरीज दाखिल हैं।