जातीय समीकरणों के इर्द-गिर्द घूमती है नादौन की सियासत, सुक्खू की प्रतिष्ठा दांव पर.....

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जिला हमीरपुर की सबसे हॉट सीट नादौन में इस बार कांग्रेस प्रचार कमेटी के चेयरमैन सुखविंद्र सिंह सुक्खू की राह चुनौतियों भरी है। इस विधानसभा क्षेत्र में पिछले दस चुनाव पर नजर दौड़ाएं तो कांग्रेस की स्थिति ज्यादातर सुखद रही है। अभी तक पिछले दस में से सात चुनाव कांग्रेस ने जीते हैं। जबकि, भाजपा को केवल तीन बार ही विस चुनाव में जीत मिल पाई है, लेकिन नादौन की राजनीति चौधरी वोट बैंक के इर्द-गिर्द घूमती रही है।

नादौन में कुल मतदाता 94,931 हैं। इनमें 47,721 पुरुष, जबकि 47,205 महिला मतदाता हैं। जबकि 1,506 सर्विस वोटर हैं, लेकिन इस विधानसभा क्षेत्र में चौधरी वोटरों की संख्या 20 हजार के करीब है, जो अभी तक सभी पार्टियों के प्रत्याशियों की हार-जीत का फैसला करते रहे हैं। चौधरी वोटरों की अधिक संख्या के कारण ही नादौन से चौधरी नारायण चंद पराशर तीन बार विधायक व प्रदेश में शिक्षा मंत्री और हमीरपुर लोकसभा सीट से सांसद रहे हैं।

वहीं, वर्ष 2003 की बात करें तो यहां से प्रभात चौधरी ने निर्दलीय चुनाव लड़ा था। भाजपा के सिटिंग विधायक बाबू राम मंडियाल को हार का सामना करना पड़ा। साल 2003 के विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी बाबू राम मंडियाल को 8,554 मत पड़े। वहीं निर्दलीय प्रभात चौधरी को 9,794 मत, भाजपा से निर्दलीय रघुवीर सिंह ठाकुर को 8,250 मत, जबकि विजयी रहे कांग्रेस प्रत्याशी सुखविंद्र सिंह सुक्खू को 14,329 मत पड़े थे।

वर्ष 2003 जैसी स्थिति इस बार फिर से बनी हुई है। क्योंकि इस बार जहां भाजपा ने पूर्व विधायक विजय अग्निहोत्री पर दांव खेला है। वहीं कांग्रेस से वर्तमान विधायक सुखविंद्र सिंह सुक्खू चुनाव मैदान में हैं। लेकिन, चौधरी समुदाय से आम आदमी पार्टी से प्रत्याशी शैंकी ठुकराल हैं। इसके अलावा एक बसपा और दो अन्य निर्दलीय प्रत्याशी भी मैदान में हैं। 31 वर्षीय युवा इंजीनियर शैंकी ठुकराल के कारण भाजपा और कांग्रेस दोनों में इन चुनावों में ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है। चौधरी वोटरों का रुख किस ओर रहता है, यह देखना दिलचस्प रहेगा।

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