गैंगरेप करके तेजाब डालकर मर्डर करने का केस था! हाई कोर्ट ने फांसी दी तो सुप्रीम कोर्ट ने बरी कर दिया!

Editor
0

2012 में दिल्ली के छावला में हुए गैंगरेप केस में सुप्रीम कोर्ट ने तीनों दोषियों को बरी कर दिया है (Supreme Court on 2012 Chhawla rape case). सोमवार, 7 नवंबर को मामले में फैसला सुनाते हुए SC ने दोषियों की फांसी वाले फैसले को पलट दिया. निचली अदालत और हाई कोर्ट दोनों ने ही दोषियों को मौत की सजा देने का आदेश दिया था. तीनों दोषी हैं रवि कुमार, राहुल और विनोद।

जस्टिस यू यू ललित, एस रविन्द्र भट्ट और बेला एम त्रिवेदी की बेंच ने दोषियों की अपील पर इसी साल 7 अप्रैल को फैसला सुरक्षित रखा था. तय होना था कि तीनों की मौत की सजा बरकरार रखी जाए या नहीं।

क्या है छावला गैंग रेप केस ?

उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल की रहने वाली अनामिका (बदला हुआ नाम) नौकरी के लिए दिल्ली के छावला इलाके में रहती थी. आज तक की रिपोर्ट के मुताबिक घटना 14 फरवरी, 2012 की रात की है. राहुल, रवि और विनोद ने मिलकर उसे किडनैप किया और उसके साथ गैंगरेप किया।

कुछ दिन बाद अनामिका की लाश हरियाणा के खेत में मिली. जांच में पता चला कि दोषियों ने पीड़िता को असहनीय यातनाएं दी थी. लड़की को गाड़ी में इस्तेमाल होने वाले औजारों से पीटा गया था और उसके शरीर के कई हिस्सों को जलती सिगरेट से दागा गया था. इसके बाद उसकी आंखों और चेहरे पर तेजाब तक डाल दिया था।

दिल्ली की द्वारका अदालत ने रेप और हत्या के दोषी ठहराए जाने के बाद तीनों को मौत की सजा सुनाई थी. फिर दिल्ली हाईकोर्ट ने भी फांसी की सजा पर मुहर लगा दी थी. इसके बाद दोषियों की तरफ से सजा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की गई. उस वक्त मामले पर दिल्ली पुलिस ने मौत की सजा कम करने की अर्जी का विरोध किया था. पुलिस की तरफ से पेश हुईं ASG ऐश्वर्या भाटी ने कहा था कि ये अपराध सिर्फ पीड़िता के साथ नहीं बल्कि पूरे समाज के साथ हुआ है. उन्होंने कहा कि दोषियों ने ना केवल युवती से सामूहिक बलात्कार किया बल्कि उसके मृत शरीर का अपमान भी किया।

यहां चीफ जस्टिस यू यू ललित की अध्यक्षता वाली बेंच ने तीनों दोषियों को बरी कर दिया।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें (0)

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Out
Ok, Go it!
To Top