हिमाचल प्रदेश में असुरक्षित यौन संबंध बनाने वाले और नशेड़ी लोग एड्स के मरीज बन रहे हैं। पिछले एक साल में करीब 350 नए रोगी सामने आए हैं। राज्य में वर्तमान में कुल उपचाराधीन एचआईवी पॉजिटिव मरीजों की संख्या 350 हो गई है। कुल उपचाराधीन रोगियों की संख्या 5132 हो चुकी है। यह मरीज प्रदेश भर में 56 आईसीटीई केंद्रों की निगरानी में हैं। हर साल हिमाचल प्रदेश में 350 से 400 के लगभग नए एचआईवी पॉजिटिव मरीज सामने आ रहे हैं। इस बार भी 350 एचआईवी पॉजिटिव रोगी पंजीकृत किए हैं। इनमें चालक, इंट्रावीनस ड्रग्स इस्तेमाल करने वाले नशेड़ी, यौन कर्मी, कुछ टीबी मरीज, कुछ गर्भवती महिलाएं, ट्रांसजेंडर आदि भी शामिल हैं। सबसे ज्यादा एचआईवी पॉजिटिव एड्स रोगी कांगड़ा में 1360 हैं।
उसके बाद हमीरपुर में 1011 हैं और तीसरे स्थान पर मंडी में 639 हैं। 164 गैर हिमाचली भी राज्य में एचआईवी पॉजिटिव हैं। राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी के परियोजना निदेशक एवं निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं डॉ. गोपाल बेरी ने बताया कि एड्स के अधिकतर मरीज दवाएं खाते हुए सामान्य जीवन जी रहे हैं। उन्होंने कहा कि एड्स न तो साथ रहने से फैलता है और न ही यह हाथ मिलाने से ही होता है। आम लोगों से भी उनकी अपील है कि वे एचआईवी पॉजिटिव मरीजों से घृणा न करें। स्वास्थ्य विभाग गर्भवती महिलाओं, टीबी मरीजों आदि की भी एचआईवी जांच करता है तो भी यह मरीज सामने आते हैं। अस्वस्थ यौन संबंध बनाने, दूसरे व्यक्ति में लगी सीरिंज का इस्तेमाल करने, अनुत्पादक व्यवहार करने आदि से ही एड्स फैलता है।
किस जिले में कितने एचआईवी पॉजिटिव मरीज
बिलासपुर - 425 ,चंबा - 142 ,हमीरपुर - 1011, कांगड़ा - 1360 ,किन्नौर - 24, कुल्लू -198 , लाहौल स्पीति - 5 ,मंडी - 639, शिमला - 262 ,सिरमौर -75 ,सोलन - 235, ऊना - 592 तथा गैर हिमाचली - 164