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बॉर्डर पर फिर झड़प, चीन के 20 सैनिक जख्मी, सिक्किम में भारतीय सैनिकों ने खदेड़ा

पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर तनाव के बीच सिक्किम में भारत और चीन की सेना के बीच झड़प हुई है. बताया जा रहा है कि तीन दिन पहले सिक्किम के ना कूला में चीनी सेना ने बॉर्डर की यथास्थिति को बदलने का प्रयास किया था और उसके कुछ सैनिक भारतीय क्षेत्र में बढ़ने की कोशिश कर रहे थे. इस दौरान भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों को रोक लिया।

तीन दिन पहले ना कूला में भारत और चीन के सैनिक आपस में भिड़ गए, जिसमें चार भारतीय और 20 चीनी जवान घायल हुए हैं. भारतीय जवानों ने चीनी सैनिकों को खदेड़ दिया. हालांकि, अभी स्थिति तनावपूर्ण है, लेकिन स्थिर है. भारतीय सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि भारतीय क्षेत्र के साथ सभी प्वॉइंट पर मौसम की स्थिति खराब होने के बावजूद कड़ी चौकसी बरती जा रही है।

इस झड़प पर भारतीय सेना ने कहा कि 20 जनवरी 2021 को उत्तरी सिक्किम के ना कूला क्षेत्र में एक मामूली झड़प हुआ था और स्थानीय कमांडरों ने इसे स्थापित प्रोटोकॉल के अनुसार हल किया था. मीडिया से अनुरोध है कि वे उन रिपोर्टों को ओवरप्ले करने या अतिरंजित करने से बचें जो तथ्यात्मक रूप से गलत हैं।

भारतीय क्षेत्र में घुसने की कोशिश कर रहे चीनी सैनिकों के इस कदम से एलएसी पर हालात तनावपूर्ण है. इस तनाव को कम करने के लिए पूर्वी लद्दाख के मोल्डो में भारत और चीन के सैन्य अधिकारियों के बीच कल 9वें दौर की बातचीत हुई. करीब 15 घंटे तक चली इस बैठक का निष्कर्ष अभी सामने नहीं आया है, लेकिन भारत ने एलएसी पर तनाव को कम करने की अपील की.

चीनी सेना ने कम की तैनाती, भारत अब भी सतर्क

सिक्किम के ना कूला में घुसपैठ की कोशिश उस वक्त हुई है, जब खबरें है कि चीनी सेना ने पूर्वी लद्दाख से अपने 10 हजार जवानों को हटाया है. भारत सरकार के सूत्रों के मुताबिक, पूर्वी लद्दाख के अलावा सिक्किम समेत कई इलाकों से चीनी सेना ने अपनी तैनाती को कम किया है, लेकिन जवान अभी भी डटे हैं. इस वजह से भारतीय सेना ने अपने जवानों की तैनाती बनाई रखी है.

15 जून को गलवान घाटी में हुई थी खूनी झड़प

आपको बता दें कि एलएसी पर पिछले कई महीनों से तनाव का माहौल है. 15 जून को पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में चीनी सैनिक और भारतीय जवान भिड़ गए थे. इस दौरान 20 भारतीय जवान शहीद हुए थे, जबकि चीनी सेना के कई अफसर-जवान मारे गए थे, लेकिन चीनी सेना आज तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की है।

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