हिमाचल प्रदेश के कांगडा जिले के नूरपुर ब्लॉक का मामला सामने आया है यहां लाखों के हेरफेर का मामला पकड़ा गया है। दरअसल सुखार पंचायत के सचिब के खिलाफ़ BDO नुरपुर ने नोटिस जारी किया है। आपको बता दें कि सचिब कई दिनों से कार्यालय में नही आ रहा था लेकिन विभाग की टीम ने जब जांच की तो साहब अनुपस्थित पाए गए तथा जब जांच आगे बढ़ाई तो कई घोटाले पकड़े गए।
BDO द्वारा जारी लैटर में कहा गया है कि
"दिनांक 22 नवम्बर 2022 को अधोहस्ताक्षरी व खण्ड समन्वयक (स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण) द्वारा ग्राम पंचायत सुखार में भ्रमण के दौरान पाया गया कि आप ग्राम पंचायत मुख्यालय में उपस्थित नहीं थे व केवल whatsapp के माध्यम से कार्यालय को अवकाश हेतु सूचित किया था जो स्वीकृत भी नहीं किया गया था। निरीक्षण के दौरान केवल पंचायत चौकीदार व सिलाई अध्यापिका ही उपस्थित पाए गए। हाजिरी पंजिका का अवलोकन करने पर यह पाया गया कि आप 18 नवम्बर 2022 से लगातार अनुपस्थित हैं।
निरीक्षण के दौरान पाया गया कि ग्राम पंचायत में स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत कूड़ा निष्पादन संयन्त्र की मशीनरी खरीदने हेतु आपने नियमों का उल्लंघन करके वेन्डर को 1300000/- रुपये अग्रिम धनराशि 28.01.2022 को जारी कर दी है जबकि आज 10 माह बीत जाने के बाद भी मशीन पंचायत में उपलब्ध नहीं है जबकि आपने निविदाएं आमंत्रित करके स्वयं ग्राम पंचायत के माध्यम से वेंडर का चयन किया है।इसके अलावा कूड़ा निष्पादन शैड भी अधूरा है जो कि आपका कर्तव्यों के प्रति लापरवाही को दर्शाता है। अतः आपको आदेशित किया जाता है कि आप एक सप्ताह के भीतर उपरोक्त शैड के निर्माण कार्य को पूर्ण करें व उक्त वेंडर से संपर्क करके उसे एक सप्ताह के भीतर 2 मशीनरी शेड में स्थापित करवा कर अधोहस्ताक्षरी को सूचित करें, ऐसा न कर पाने की स्थिति में पंचायत प्रधान और पंचायत सचिव वेंडर को नियमों का उल्लंघन करके अग्रिम में जारी की गई 13 लाख की धनराशि को अधोहस्ताक्षरी के कार्यालय में स्वच्छ भारत मिशन के खाते में जमा करवाना सुनिश्चित करें। उपरोक्त तथ्यों से यह स्पष्ट है कि आपने छुट्टी नियमावली 1972, केन्द्रीय सेवाएं नियम (आचरण), 1964 के नियम 3 (1) ().(i), (ii), (vi). (ix), (xviii), (xix), (xxi) हिमाचल प्रदेश पंचायती राज अधिनियम 1994, हिमाचल प्रदेश पंचायती राज वित्त नियम, 2002, हिमाचल प्रदेश पंचायती राजसामान्य नियम 1997 एवं अन्य संबंध अधिनियमों व नियमों का उल्लंघन प्रतीत होता है।
अतः आप इस पत्र के मिलने के दो दिन के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप में देना सुनिश्चित करें कि क्यों न आपकी अनाधिकृत अनुपस्थिति को DiesNon घोषित किया जाए और उपरोक्त उल्लंघनों के लिए आपके विरुद्ध नियमानुसार कड़ी अनुशासनात्मक कार्यवाही अम्ल में लाई जाए"
इस पत्र के मिलने के बाद हड़कंप मचा है क्योंकि बताया जा रहा है पंचायत प्रधान तथा सचिब नेताओं के चहेते हैं लेकिन अब देखना ये है कि आखिर क्या कारवाई होती है।