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मुगल गार्डन का नाम बदलकर 'अमृत उद्यान' हुआ, जानिए क्या है इतिहास

राष्ट्रपति भवन में बने मुगल गार्डन का नाम बदलकर "अमृत उद्यान" (Amrit Udyan) कर दिया गया है. राष्ट्रपति भवन की वेबसाइट पर अब यही नाम दिख रहा है. राष्ट्रपति भवन की डिप्टी प्रेस सेक्रेटरी नविका गुप्ता ने बताया कि आजादी के 75 साल पूरे होने के मौके पर 'आजादी का अमृत महोत्सव' मनाया जा रहा है. इसी को देखते हुए राष्ट्रपति ने गार्डन को एक सामान्य नाम 'अमृत उद्यान' दिया है. इससे पहले सितंबर 2022 में केंद्र सरकार ने राजपथ का नाम बदलकर 'कर्तव्य पथ' किया था।जगहों या भवनों के नाम बदलने की परंपरा पुरानी है. लेकिन इस सरकार में बढ़ी भी है. मुगलसराय जंक्शन से लेकर फैजाबाद और इलाहाबाद तक के नाम बदले गए. 100 साल पुराने गार्डन का नाम बदले जाने पर बीजेपी के कई नेता राष्ट्रपति के इस फैसले का स्वागत कर रहे हैं. इसे गुलामी के प्रतीक की समाप्ति बता रहे हैं. केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने मुगल गार्डन का बोर्ड हटाये जाने का वीडियो शेयर करते हुए लिखा, "वेलकम, वेलकम, वेलकम।

15 एकड़ में फैले इस गार्डन का इतिहास आजादी से काफी पहले का है. गार्डन की खूबसूरती ऐसी है कि इसे राष्ट्रपति भवन की 'आत्मा' तक कहते हैं. राष्ट्रपति भवन की वेबसाइट के मुताबिक, यह मुगल गार्डन जम्मू-कश्मीर के मुगल गार्डन, ताजमहल के आस-पास के बागों, भारत और पर्सिया की मिनियेचर पेंटिंग से प्रेरित है. इस गार्डन को भी उसी अंग्रेज आर्किटेक्चर ने डिजाइन किया था, जिसके पास पूरी दिल्ली को डिजाइन करने की जिम्मेदारी थी. सर एडविन लुटियंस. सेंट्रल दिल्ली के पूरे इलाके को आज भी लुटियंस दिल्ली कहते हैं।मुगल साम्राज्य के समय भी राजधानी दिल्ली ही थी. मुगल शासकों ने दिल्ली और दूसरे शहरों में कई बाग बनाए थे. मुगलों के पहले शासक बाबर ने ही बागों को बनाना शुरू किया था. अकबर ने अपने कार्यकाल के दौरान दिल्ली में खूब बाग बनवाए. आज का जो मुगल गार्डन है, उसे मुगल शासकों द्वारा तैयार की गई खूबसूरती की एक झलक कह सकते हैं. क्योंकि सर लुटियंस भी मुगलों की डिजाइन से प्रेरित थे।साल 1911 में अंग्रेजों ने अपनी राजधानी कलकत्ता से दिल्ली शिफ्ट की थी. राजधानी शिफ्ट होने के बाद रायसीना की पहाड़ियों को काटकर वायसराय हाउस बनाया गया. उसी वायसराय हाउस को आज हम राष्ट्रपति भवन कहते हैं. इस इमारत को बनाने वाले सर लुटियंस ने मुगलों और पश्चिमी आर्किटेक्चर को मिक्स किया था. वायसराय हाउस के सामने एक गार्डन की भी परिकल्पना की गई. फिर सर लुटियंस ने 1917 तक इस गार्डन की डिजाइन तैयार की. हालांकि गार्डन में प्लांटेशन का काम साल 1928-29 में ही शुरू हुआ।

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