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हिमाचल के स्कूलों में अध्यापकों के अभाव में बच्चे छोड़ रहे सरकारी स्कूल, क्या स्कूलों को खत्म करने की साजिश ?

सिरमौर जिले के रेणुकाजी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बेचड़ का बाग से बच्चे दूसरे स्कूलों में माइग्रेट हो गए हैं। बच्चों ने 11वीं और 12वीं कक्षा में विज्ञान विषय तो चुना, लेकिन पढ़ाई वाले की तैनाती सरकार और विभाग नहीं कर सका। हालत ये है कि 11वीं में विज्ञान पढ़ने वाले सिर्फ दो बच्चे हैं। जबकि, 12वीं कक्षा बच्चों से खाली हो गई है।साल 1986 में खुले सैनधार क्षेत्र के सबसे पुराने इस स्कूल में 12वीं कक्षा के विज्ञान संकाय में छह बच्चों ने दाखिला लिया था। जिन्होंने शिक्षकों के अभाव में अपना माइग्रेशन नाहन और ददाहू के स्कूलों में करवा लिया। वहीं, 11वीं कक्षा में सिर्फ दो ही बच्चों ने प्रवेश लिया।

चार पंचायतों के केंद्र बिंदु इस स्कूल में शिक्षकों और गैर शिक्षकों के 10 पद रिक्त चल रहे हैं। स्कूल में शिक्षा ग्रहण कर रहे विद्यार्थियों के अभिभावक, शिक्षा विभाग और प्रदेश सरकार से खाली पदों को भरने की मांग करते-करते थक चुके हैं। लेकिन अभी तक खाली पद नहीं भरे गए। 

स्कूल में 12 दिसंबर 2020 से प्रवक्ता गणित, नौ सितंबर 2021 से प्रवक्ता राजनीति शास्त्र, 24 मार्च 2022 से रसायन शास्त्र, 2015 से इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, अक्तूबर 2022 से जीव विज्ञान और इतिहास प्रवक्ता के पद रिक्त पड़े हुए हैं। 

वहीं, गैर शैक्षणिक पदों में 2013 से लिपिक, मई 2021 से वरिष्ठ सहायक और 2001 से सहायक लाइब्रेरियन का पद रिक्त चल रहा है। इसके अलावा हेल्थ केयर का पद भी खाली है। ऐसे में शिक्षक, गैर शैक्षणिक कार्य करने को भी विवश हैं। शिक्षकों के रिक्त पड़े पदों के कारण इस सत्र में विद्यार्थियों की संख्या 250 से घटकर 200 रह गई है।

शिक्षकों की कमी के कारण विद्यार्थी स्कूल से माइग्रेट हो रहे हैं। स्कूल में रिक्त पड़े पदों की सूची समय-समय पर उच्चाधिकारियों को भेजी जा रही है। - चिंतामणी शर्मा स्कूल प्रधानाचार्य

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