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प्रदेश में सस्ती हो सकती है शराब, पंजाब और हरियाणा की पॉलिसी से तय होंगे रेट

आबकारी एवं कराधान विभाग के प्रधान सचिव भरत खेड़ा ने कहा कि प्रदेश के राजस्व को बढ़ाने एवं विभाग की नीति अनुसार व्यापार संचालन पर बल दिया जाएगा। इस मौके पर प्रत्येक जिला से आए आबकारी लाइसेंसियों ने अपने-अपने सुझाव दिए। इसके अतिरिक्त, प्रदेश में स्थित आसवनी एवं बोतलीकरण सयंत्रों के भी सुझाव प्रस्तुत किए गए। अवैध शराब की तस्करी पर रोक लगाने के लिए विशेष टीमों का गठन कर सीमावर्ती इलाकों में तैनात करने पर भी बैठक में चर्चा की गई।गौरतलब है कि प्रदेश में हर साल 31 मार्च के बाद शराब की बिक्री को लेकर नई पालिसी तैयार की जाती है। हालांकि इसे लेकर बैठक पूर्व में फरवरी के आखिरी सप्ताह से शुरू होकर मार्च के मध्य तक पूरी होती हैं। प्रधान सचिव आबकारी एवं कराधान विभाग भरत खेड़ा ने बताया कि आबकारी एवं कराधान विभाग का मुख्य कार्य सरकार के राजस्व में बढ़ोतरी करना है। इसे लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। हिमाचल में शराब के दाम पड़ोसी राज्यों की स्थिति को देखकर तय होंगे, ताकि तस्करी की संभावनाओं को रोका जा सके। फिलहाल, गुरुवार को हुई बैठक में 200 से अधिक लाइसेंस धारकों ने हिस्सा लिया है।

बता दे कि हिमाचल प्रदेश में शराब महंगी होगी या नहीं, अब यह पड़ोसी राज्यों की शराब नीति पर निर्भर करेगा आगामी वित्तीय वर्ष में शराब की कीमतों को लेकर आबकारी एवं कराधान विभाग लगातार पंजाब और हरियाणा में चल रही हलचल पर नजर रख रहा है। दरअसल, दोनों पड़ोसी राज्यों का बड़ा असर हिमाचल में रहता है। पंजाब और हरियाणा में शराब के दाम कम होने की वजह से हिमाचल में शराब तस्करी की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। पूर्व में पंजाब सरकार ने चुनाव के दौरान जुलाई महीने में शराब की नई पॉलिसी और दाम लागू कर दिए थे। इनमें शराब की कीमतों में 30 फीसदी तक की कमी लाई गई थी। इस वजह से सीमावर्ती इलाकों में तस्करी की संभावनाएं बढ़ गई थी, लेकिन इस बार यह दाम 31 मार्च को ही तय होंगे।

पड़ोसी राज्यों में शराब नीति के तहत आगामी वित्तीय वर्ष के लिए जो नियम तय होंगे, हिमाचल में भी दाम उनके आसपास ही तय किए जाएंगे। प्रदेश में शराब के दाम तय करने को लेकर हलचल शुरू हो गई है और बेहद शुरुआती दौर में गुरुवार को एक अहम बैठक का भी आयोजन शिमला में हुआ है। इस बैठक में आबकारी एवं कराधान विभाग ने प्रदेश भर के लाइसेंसधारकों के साथ वित्तीय वर्ष को लेकर चर्चा की। राज्य कर एवं आबकारी विभाग की के प्रधान सचिव भरत खेड़ा ने इसकी अध्यक्षता की है। इस चर्चा के दौरान शराब तस्करी रोकने, नियंत्रित दाम पर शराब बेचने, लाइसेंस धारकों को मुनाफे के साथ ही सरकार को भी राजस्व में बढ़ोतरी पर चर्चा हुई है।

आबकारी एवं कराधान विभाग की ट्रैक एंड ट्रेस पॉलिसी भी इसी साल लागू होने की संभावना है। इस पॉलिसी के लागू होने के बाद अवैध शराब पर पूरी तरह से नकेल लग जाएगी। शराब की बोतलों पर लगे होलमार्क से इन्हें स्कैन किया जा सकेगा। हालांकि पिछले साल के बजट में भी इस पॉलिसी को शामिल किया था। विश्व बैंक ने भी पॉलिसी को साकार करने के लिए मदद की बात कही है।

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