तुर्की और सीरिया में सोमवार तड़के आए भूकंप के कई ज़ोरदार झटकों से दोनों देशों में अब तक करीब 7,800 से ज़्यादा लोगों को मौत हो गई है।
समाचार एजेंसी एएफ़पी के मुताबिक़ इनमें से तुर्की में 5,894 और सीरिया में 1,932 लोगों की मौत हुई है। दक्षिणी तुर्की और उत्तरी सीरिया में बड़े स्तर पर बचाव कार्य जारी है. बचावकर्मी पीड़ितों को बचाने की हरसंभव कोशिश कर रहे हैं।
तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन ने कहा है कि उन्हें दुनिया के 70 से अधिक देशों से राहत और बचाव अभियान में मदद करने की पेशकश मिल चुकी है. अर्दोआन ने मदद भेजने या पेशकश करने वाले देशों का शुक्रिया अदा किया है। इसके साथ ही उन्होंने देश के दक्षिण के 10 सूबों में तीन महीने के लिए आपातकाल लगा दिया है।
भारत ने भी स्वास्थ्यकर्मियों और उपकरणों के साथ 30 बेड वाला फ़ील्ड हॉस्पिटल तुर्की रवाना किया है. भारतीय सेना और एनडीआरएफ़ की टीमों को लेकर भारतीय वायुसेना के चार सी-17 ग्लोबमास्टर मालवाहक विमान तुर्की रवाना हो गए हैं।संयुक्त राष्ट्र के एक पूर्व सहायता प्रमुख ने बीबीसी से कहा कि उत्तरी सीरिया में कब्ज़े की कोशिश में लगे गुटों के बजाय मानवीय और अंतरराष्ट्रीय समूहों के ज़रिए सहायता भेजी जानी चाहिए।
बीबीसी के पीएम प्रोग्राम में बात करते हुए जेन ईगलैंड ने कहा कि सीरिया में किसी भी राजनीतिक पक्ष को मदद नहीं जानी चाहिए, चाहे वो सरकार नियंत्रित इलाक़ा हो या विपक्ष नियंत्रित।