शिक्षक हो तो ऐसा! हमीरपुर के सरकारी स्कूल में बच्चों की संख्या 74 से 185 तक पहुंचाई

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सरकारी स्कूल में निजी स्कूलों की तर्ज पर सुविधाएं और पढ़ाई योग्य वातावरण उपलब्ध करवाने के लिए राजकीय प्राथमिक पाठशाला के मुख्य शिक्षक रहे किशोरी लाल ने बेहतरीन कार्य किया है। स्कूल का उत्थान कर इन्होंने बच्चों की संख्या 74 से बढ़ाकर 185 तक पहुंचा दी। शिक्षक की ही मेहनत का नतीजा है कि प्राइमरी स्कूल परोल का परिसर निजी स्कूलों की तर्ज पर बेहतरीन बना है। यही नहीं, निजी स्कूलों की तर्ज पर सरकारी स्कूल के बच्चों को भी वाहन सुविधा देकर स्कूल पहुंचाया जा रहा है। शिक्षक के प्रयासों से ही स्कूल के लिए वाहन सेवा भी शुरू की गई है। साथ ही स्कूल में करवाए गए उत्थान और मिल रही सुविधाओं के पोस्टर हर साल बांटकर शिक्षक ने स्कूल में बच्चों की संख्या को बढ़ाया है। 

अभिभावकों ने भी स्कूल का विकास देखकर और यहां की सुविधाओं को जांचकर अपने बच्चों को निजी स्कूलों से हटाकर इस स्कूल में दाखिल किया है। स्कूल सीएचटी रहे किशोरी लाल ने स्कूल के कच्चे पांच कमरों के स्थान पर सरकार से पत्राचार कर और जन सहयोग से आठ नए कमरों का निर्माण करवाया है। यहीं नहीं, स्कूल में दो स्मार्टरूम बनाकर बच्चों को यहां एलईडी और इंटरनेट कनेक्टिविटी की सुविधा दी है। स्कूल परिसर में एक लाख रुपये से बैडमिंटन कोर्ट बनवाया गया है। स्कूल की प्रार्थना सभा और अन्य कार्यक्रमों के लिए भव्य मंच बनवाया गया है। 

स्कूल परिसर में टाइलें और रेलिंग लगवाकर इसे सुंदर बनाया गया है। सीएचटी ने अन्य शिक्षकों के साथ मिलकर स्कूल के चार किलोमीटर क्षेत्र में पोस्टर बांटकर स्कूल में मिलने वाली आधुनिक सुविधाओं बारे अभिभावकों को जागरूक किया और यही कारण है कि बच्चों की संख्या दोगुनी हुई है।

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