मंडी जिला में बेखौफ घूम रहीं आवारा गाय! हादसों को मिल रहा न्योता , प्रशासन नहीं ले रहा कोई संज्ञान

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 जहां  पशुओं को  गौशाला दिलाने के लिए नई नई योजनाएं शुरू करने का  निर्णय ले रही है वहीं इन दिनों मंडी जिला में गाय पशुओं का बेहद बेखौफ रूप देखने को मिल रहा है ,आम जनता कर्मचारी इन पशुओं के बेखौफ आक्रमण करके व्यक्तियों को लहूलुहान करने का सिलसिला जारी है. अभी हाल ही में सुंदर नगर में एक 90 वर्षीय बुजुर्ग की बेरहमी से एक बैल ने कुचलकर बुरी तरह से जख्मी कर दिया है. जिसका नागरिक अस्पताल में उपचार चला है. सरकार एवं प्रशासन को चाहिए कि इसमें कड़ा संज्ञान लेते हुए आम जनता  की आवाजाही के लिए इन पशुओं के बारे में जल्दी से जल्दी कार्रवाई अमल में लाए और जो गाय पशु बैल सड़कों में खुलेआम गाड़ियों, बसो, स्कूटर, बाइक को को टक्कर मार रहे हैं, जिससे दिन प्रतिदिन नए-नए हादसे होते दिखाई दे रहे हैं. इसका सबसे बड़ा  उदाहरण बेखौफ पशुओं का  आक्रमण है, कभी भी सबसे बड़ा हादसा सामने आ सकता है. यहां तक की हिमाचल सरकार की  प्रशासन की गाड़ियां नेशनल हाईवे 21 से होकर गुजर रही है, लेकिन कोई भी इन गाय बैल पशुओं के बारे में कोई भी सुध लेने वाला नहीं है. प्रशासन भी अपनी आंखें मूंद कर बैठा है. इससे प्रदेश की युवा पीढ़ी मौत की चपेट में आ रही है. आम जनता इन पशुओं के बेखौफ आक्रमण से बहुत परेशान है. इन गाय बैल का धनोटू चौक , कनड, नेरचौक, डडोर चौक, भाऔर ,  चौक में   सबसे बड़ा सिलसिला सरेआम देखने को मिल रहा है. किन क्षेत्रों पर दिन प्रतिदिन नए-नए हाथ से पेश होते नजर आ रहे हैं. प्रशासन को चाहिए कि वह इसके बारे में जल्दी ही कड़ा से कड़ा संज्ञान ले और आम जनता को परेशानियों का सामना ना करना पड़े.  प्रशासन को चाहिए कि इन सभी गाय बैल पशुओं को किसी सुरक्षित गौ सदन में रखा जाए, ताकि आम जनता हादसों एवं दुर्घटना से बच सके. यदि कोई  इमरजेंसी मरीज सुंदरनगर  सिविल अस्पताल से एंबुलेंस में नेरचौक लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज  तक पहुंच पाना खतरे से खाली नहीं है. इससे एंबुलेंस को रास्ता भी मिल पाना बहुत मुश्किल हो रहा है. किसी भी आपातकालीन स्थिति में मरीज की जान बचा पाना बेहद मुश्किल है. वहीं इसी और ध्यान दे तो हिमाचल सरकार और भारत सरकार हमारी गाय एवं पशुओं के लिए नई नई  पशु एवं आवास योजनाएं लेकर सामने आ रही है, लेकिन यहां पर प्रशासन एवं सरकार के कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगना शुरू हो रहे हैं. प्रशासन को चाहिए कि जल्दी से जल्दी इन पशुओं को किसी सुरक्षित जगह ले जाकर स्थानांतरित करें ताकि कोई बड़ा हादसा होने से बच जाए.

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