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हिमाचल में अस्थायी शिक्षक भर्ती का विरोध होने के बाद कांग्रेस सरकार ने लिया यू टर्न

हिमाचल प्रदेश में रोजगार के अवसर तलाशने के लिए गठित कैबिनेट सब कमेटी के अस्थायी शिक्षक भर्ती के प्रस्ताव का विरोध होने के बाद कांग्रेस सरकार ने यू टर्न ले लिया है। गुरुवार को मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने एक मिनट का वीडियो जारी कर कमेटी की ओर से इस बाबत कोई भी प्रस्ताव तैयार करने का खंडन किया। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षकों की अस्थायी भर्ती नहीं होगी। लोकसेवा आयोग के माध्यम से पद भरे जाएंगे। स्कूलों में बैकडोर नहीं, बल्कि पारदर्शिता से पद भरे जाएंगे।

कैबिनेट सब कमेटी के अध्यक्ष एवं उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने 25 अप्रैल को राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी और शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर की मौजूदगी में सचिवालय में हुई बैठक में अस्थायी शिक्षक भरने का एलान किया था। कमेटी ने दुर्गम और दूरदराज के स्कूलों में दो से तीन साल के लिए या नियमित शिक्षकों की नियुक्ति होने तक के लिए स्टॉप गैप अरेंजमेंट के तहत इन अस्थायी शिक्षकों की भर्ती का प्रस्ताव बनाया। 

26 अप्रैल को प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय का इस बाबत तैयार प्रस्ताव भी सोशल मीडिया में वायरल हो गया। कमेटी की वीरवार को भी बैठक प्रस्तावित थी। इसमें अस्थायी शिक्षकों की भर्ती को मंजूर कर कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जाना था, लेकिन नगर निगम शिमला के चुनाव प्रचार की व्यस्तता के चलते इस बैठक को आगामी आदेशों तक टाल दिया गया।

बीते तीन दिनों के दौरान कैबिनेट सब कमेटी के निर्णय का प्रदेश भर में विरोध हुआ है। अग्निवीरों की तर्ज पर शिक्षा विभाग में शिक्षा वीर भर्ती की बातें सोशल मीडिया पर हुई। निगम चुनाव के मतदान से कुछ दिन पहले प्रदेश में शुरू इस विरोध को देखते हुए वीरवार को मुख्यमंत्री ने स्वयं इस मामले में स्पष्टीकरण दिया।

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