हिमाचल प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) संजय कुंडू को ई-मेल भेजने के मामले में पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। ई-मेल भेजने वाले कारोबारी ने डीजीपी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उधर, डीजीपी ने प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने पर कारोबारी के खिलाफ छोटा शिमला थाना में मानहानि का मुकदमा करवाया है। कारोबारी की ओर से डीजीपी को भेजी गई ई-मेल का पूरा जिक्र एफआईआर में किया है। यही नहीं, कारोबारी ने ई-मेल की प्रति मुख्यमंत्री और सचिव गृह को भी भेजी है।
डीजीपी ने पुलिस को दी शिकायत में कहा है कि उनकी आधिकारिक ई-मेल आईडी पर शिकायत उनकी व्यक्तिगत प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने और सार्वजनिक शरारत के इरादे से की गई है। उन्होंने इसे उनकी छवि को जानबूझ कर खराब करने की साजिश करार दिया है और ई-मेल में लगाए आरोपों को आधारहीन बताया है। जांच में सामने आया है कि 29 अक्तूबर को डीजीपी की आधिकारिक आईडी पर एक ईमेल आया। ई-मेल में 25 अगस्त को गुरुग्राम में कारोबारी निशांत शर्मा ने जानलेवा हमले का जिक्र किया है।
इसमें हिमाचल के ही दो लोगों पर आरोप लगे हैं, जिन्हें कारोबारी ने राज्य के सबसे बड़े सत्ता के दलाल बताया है। बताया जा रहा है कि यह ई-मेल निशांत शर्मा पुत्र कमलेश कुमार शर्मा निवासी साई गार्डन, पालमपुर जिला कांगड़ा ने भेजी है। कारोबारी का कहना है कि प्रदेश पुलिस के एक आला अधिकारी उन्हें फोन पर धमकी देकर शिमला बुला रहे हैं।डीजीपी ने पुलिस को दी शिकायत में कहा है कि उनकी आधिकारिक ई-मेल आईडी पर शिकायत उनकी व्यक्तिगत प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने और सार्वजनिक शरारत के इरादे से की गई है। उन्होंने इसे उनकी छवि को जानबूझ कर खराब करने की साजिश करार दिया है और ई-मेल में लगाए आरोपों को आधारहीन बताया है। जांच में सामने आया है कि 29 अक्तूबर को डीजीपी की आधिकारिक आईडी पर एक ईमेल आया। ई-मेल में 25 अगस्त को गुरुग्राम में कारोबारी निशांत शर्मा ने जानलेवा हमले का जिक्र किया है।
इसमें हिमाचल के ही दो लोगों पर आरोप लगे हैं, जिन्हें कारोबारी ने राज्य के सबसे बड़े सत्ता के दलाल बताया है। बताया जा रहा है कि यह ई-मेल निशांत शर्मा पुत्र कमलेश कुमार शर्मा निवासी साई गार्डन, पालमपुर जिला कांगड़ा ने भेजी है। कारोबारी का कहना है कि प्रदेश पुलिस के एक आला अधिकारी उन्हें फोन पर धमकी देकर शिमला बुला रहे हैं।मेल के मुताबिक 27 अक्तूबर को डीजीपी ने निशांत को फोन किया और कहा कि शिमला आ जाओ। दिनभर लगातार करीब 14 फोन आए। इसके बाद डीएसपी पालमपुर ने फोन करके कहा कि आपको शिमला बुलाया है। कुछ देर बाद पालमपुर के एसएचओ का फोन पर संदेश मिला। इसमें एक फोन नंबर दिया था कि डीजीपी आपसे बात करना चाहते हैं।
उन्होंने पुलिस अधिकारियों को कहा कि पहले डीजीपी बताएं कि फोन किसके प्रभाव में आकर किया। मुझे शिमला आने के लिए कहने का मकसद क्या है, क्या यह मुझे किसी खास काम के लिए डराना-धमकाना है एवं मुझे झूठे मामले में फंसाना है। क्या आपको रिश्वत दी गई है एवं आप किसी राजनीतिक नेता, मंत्री एवं वरिष्ठ नौकरशाह के प्रभाव में ऐसा कर रहे हैं। मेरा मानना है कि यह सब जो आपने किया वह एक जानलेवा हमले से जुड़ा था, जो कि गुड़गांव में किया गया था।
एसपी शिमला को कानूनी नोटिस; निष्पक्ष जांच, डीजीपी पर एफआईआर की मांग
उधर, पालमपुर के कारोबारी निशांत शर्मा ने एसपी शिमला को कानूनी नोटिस भेजा है। कारोबारी ने कहा है कि डीजीपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो। इसके अलावा पुलिस किसी के प्रभाव में न आकर एकतरफा कार्रवाई करने से बचे। मामले में स्वतंत्र व निष्पक्ष जांच हो और दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई करे। कारोबारी ने सीएम, प्रमुख सचिव और महाधिवक्ता को भी कानूनी नोटिस की प्रतिलिपि भेजी है। इन पर अब हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस ने कड़ा संज्ञान लेते हुए स्टेटस रिपोर्ट मांगी है।