हिमाचल प्रदेश सरकार ने 89 श्रेणियों के करीब 14,000 रेगुलर सरकारी कर्मचारियों के वेतन का दोबारा निर्धारण करने का बड़ा फैसला लिया है। शनिवार को जारी अधिसूचना के तहत, 3 जनवरी 2022 को लागू किए गए संशोधित वेतन नियमों की Rule 7A धारा को खत्म कर दिया गया है। इस नियम के तहत, कर्मचारियों को 2 साल की सेवा पूरी होने के बाद ‘हायर ग्रेड पे’ मिलता था, जिससे उनकी सैलरी में हर महीने 10,000 से 20,000 रुपए तक की बढ़ोतरी हो जाती थी। अब यह लाभ पूरी तरह से बंद कर दिया गया है।
सरकार का यह फैसला 2022 के बाद रेगुलर हुए सभी कर्मचारियों पर लागू होगा। वेतन दोबारा तय किया जाएगा और वेतन बढ़ोतरी वापस ली जाएगी। हालांकि राहत की बात यह है कि अब तक कर्मचारियों को जो अतिरिक्त वेतन मिला, उसकी रिकवरी नहीं की जाएगी, मगर आगे वह पुरानी सैलरी नहीं मिलेगी।
सरकारी कर्मचारी संगठनों में इस फैसले के खिलाफ जबरदस्त रोष है। सचिवालय सेवाएं कर्मचारी संगठन सहित विभिन्न यूनियनों ने ऐलान किया है कि 8 सितंबर को मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव तथा वित्त सचिव से मिलकर इस फैसले को रद्द करने की मांग करेंगे। यदि मांगें नहीं मानी गईं, तो राज्यभर में आंदोलन की चेतावनी भी दी गई है। यूनियनों का कहना है कि वेतन कम होने से कर्मचारियों को गंभीर आर्थिक संकट का सामना करना पड़ेगा—खासकर जब पहले से ही महंगाई भत्ता और अन्य वेतन लाभ लंबित हैं।
यूनियन प्रतिनिधियों और कर्मचारियों ने सरकार से फैसले पर पुनर्विचार कर पुराने वेतनमान बहाल करने की मांग की है, ताकि हेठले-मध्यम वर्ग के कर्मचारियों को राहत मिल सके। साथ ही, नई अधिसूचना का असर बच्चों की शिक्षा, कर्ज, घर के खर्च और चिकित्सा जैसी बुनियादी ज़रूरतों पर भी पड़ेगा।
2022 में लागू बदलाव से हजारों कर्मचारियों की सैलरी में 10,000–20,000 रुपए तक की व्रद्धि हुई थी। अब सरकार ने उसे वापस ले लिया है, जिससे सैलरी उतनी ही घट जाएगी। यह नियम मुख्य रूप से क्लर्क, ड्राइवर, लैब असिस्टेंट, जेबीटी, भाषा शिक्षक, टेक्नीकल असिस्टेंट आदि 89 श्रेणियों के कर्मचारियों पर लागू होगा।