नेपाल में आज 11 सितंबर 2025 को जनरल ज़ेड (युवा पीढ़ी) के विरोध प्रदर्शन जारी हैं, जिनके कारण राजधानी काठमांडू में कर्फ्यू लगाया गया है। सेना ने इलाके की सुरक्षा कड़ी कर रखी है और कई जगह हिंसा के बाद जंगल में आगजनी व तोड़फोड़ हुई है। प्रदर्शनकारियों ने सरकारी संस्थानों जैसे संसद भवन और सुप्रीम कोर्ट में भी तोड़फोड़ की है। पिछले तीन दिन से जारी हिंसा में 30 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और कई घायल हैं
प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने नौ सितम्बर को इस्तीफा दे दिया था, लेकिन राजनीतिक अस्थिरता बनी हुई है। अब अस्थायी सरकार के गठन को लेकर चर्चाएं तेज हैं, जिसमें कुलमान घिसिंग और पूर्व चीफ जस्टिस सुशीला कार्की जैसे नाम सामने आ रहे हैं।भारत ने अपनी सीमा पर सुरक्षा बढ़ा दी है और स्थिति पर नजर बनाए रखा है। नेपाल की अर्थव्यवस्था, खासकर पर्यटन और व्यापार क्षेत्र में भारी नुकसान हुआ है। सप्लाई रुकने और बॉर्डर बंद होने से दिनचर्या प्रभावित हुई है और महंगाई बढ़ी है।
इस संकट से नेपाल में सामाजिक और राजनीतिक स्थिरता के लिए नया नेतृत्व और समाधान ढूंढ़ने की आवश्यक्ता स्पष्ट हो रही है, जबकि देश के युवा बदलाव की उम्मीद लेकर सड़क पर हैं।