लद्दाख के मशहूर पर्यावरण कार्यकर्ता और सामाजिक नेता सोनम वांगचुक को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत गिरफ्तार कर जोधपुर सेंट्रल जेल में शिफ्ट किया गया है। यह जेल कड़ी सुरक्षा के लिए प्रसिद्ध है, जहां उन्हें अलग सेल में सीसीटीवी निगरानी के तहत रखा गया है। बावजूद इसके, उनका समर्थन करने वाले उनके न्याय और रिहाई की मांग करते हुए सड़कों पर उतरे हैं।
सोनम वांगचुक ने लद्दाख के लोगों के लिए राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची में शामिल करने की ज़िम्मेदार मांग उठाई है, जो कि क्षेत्र के पारंपरिक अधिकारों और पर्यावरण संरक्षण के लिए निहायत ज़रूरी है। वे शांतिपूर्ण आंदोलन के माध्यम से अपने मूल निवासियों के अधिकारों और जलवायु संकट के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए काम कर रहे थे। उनकी गिरफ्तारी को कई समर्थक राजनीतिक दबाव और लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन मानते हैं।
जोधपुर जेल में वांगचुक की सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं, लेकिन उनके विरोध में जेल के बाहर समर्थकों ने भारत माता की जय और “सोनम वांगचुक ज़िंदाबाद” के नारे लगाते हुए भूख हड़ताल की चेतावनी भी दी है। यह दर्शाता है कि उनकी लोकप्रियता और समर्थन किस हद तक फैला हुआ है।