जनता पर ख़बरों के सिलसिलेबार आक्रमण से एक तीर ये भी आया कि अब भाजपा सरकार की लीडरशिप हिमाचल में चेंज हो सकती है और खबरों के तड़के में दूसरा तड़का इस खबर का भी लगा कि 2022 जीतने का जिम्मा हिमाचल में किसी ओर को दिया जा सकता है। खैर ये सिलसिलेबार तरीके से जो खबरे आ रही थी वो हो सकता है पुख्ता न हों परन्तु कुछ तो खिचड़ी दिल्ली में पक रही है क्योंकि केंद्रीय मंत्री के कंधो पर नड्डा ने जीत की जिमेदारी सौंपी थी और संसदीय सीट जीतने की आस स्वंय मुख्यमंत्री पर छोड़ी थी लेकिन मंत्री समेत मुख्यमंत्री भी नड्डा के विश्वास पर खरे नही उतरे और चारों सीटें हार बैठे।
अब कवायत ये चली है कि दीवाली के बाद आलाकमान दिल्ली तलब होगा और हो सकता है कि 2022 जीत की जिम्मेवारी किसी ओर को सौंप दी जाए लेकिन किस पर? नाम दो आये पहला राष्ट्रीय अध्यक्ष JP नड्डा और दूसरा नाम केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर का। आज फिर सूत्रों के हबाले से खबर उड़ी कि अगला राष्ट्रीय अध्यक्ष भाजपा का उत्तरप्रदेश का हो सकता है और स्वाभिक है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष चेंज होने पर नड्डा कहाँ जाएंगे तो चर्चाओं में एक चर्चा ये भी आई कि नड्डा अब हिमाचल में नाटी डालेंगे मतलब साफ है कि JP नड्डा अब 2022 की तैयारी अपने कंधों पर ले सकते हैं लेकिन कुछ भी कहें अब हिमाचल आलाकमान का दिल्ली में भांगड़ा होगा औऱ उस भांगड़े में कौन कौन कहाँ कहाँ से डैमेज होगा ये वक्त बताएगा।एक बात ये भी है कि अमित शाह ने हार के लिए जिम्मेवार हिमाचल भाजपा को जवाब देने लायक भी नहीं समझा है। सीधे-सीधे राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को हार की वजहों की रिपोर्ट करने का हुक्म जारी कर दिया है। साफ संकेत मिल गए हैं कि अब हाईकमान हिमाचल भाजपा को स्पष्टीकरण देने लायक भी नहीं समझने लायक नहीं समझ रहे हैं। दिल्ली दरबार से अभी आई यह खबर यह खुलासा कर रही है कि इसके बाद देर-सवेर आने वाली खबर कोई बड़ा पॉलिटिकल ब्लास्ट कर दे तो हैरानगी नहीं होनी चाहिए।
हाईकमान की बेरुखी यह साफ बयान कर रही है कि वह हिमाचल भाजपा को न तो सीरियसली कंसीडर करने के मूड में है और न ही इनकी कही किसी बात पर। इस खबर से अब बवाल खड़ा हो गया है। माना जा सकता है कि यह शुरुआती खबर हिमाचल भाजपा की खबर लेने से पहले की खबर है