नगालैंड के मोन जिले के ओटिंग गांव में सेना के गश्ती दल की तीन बार गोलीबारी में 14 ग्रामीण मारे गए। 14 अन्य घायल हो गए। शनिवार की शाम को सेना के जवानों ने उग्रवादी समझ कर ग्रामीणों के वाहन पर गोलियां बरसा दीं। मौके पर छह लोग मारे गए। ये सभी दिहाड़ी मजदूर थे, जो एक कोयला खदान से पिकअप वैन में सवार होकर गाना गाते हुए घर लौट रहे थे।
इस घटना के बाद नाराज स्थानीय लोगों ने सेना के काफिले के घेरकर तोड़फोड़ की और तीन वाहन फूंक डाले। स्थानीय लोगों के साथ संघर्ष में एक जवान की मौत हो गई और कुछ घायल हो गए। इसके बाद जवानों ने फिर गोलीबारी की, जिसमें सात स्थानीय लोग मारे गए और कई घायल हुए। रविवार को स्थानीय लोगों ने असम राइफल्स के शिविर पर हमला किया जिसमें जवानों की गोलीबारी में एक व्यक्ति मारा गया और एक घायल हो गया।
हिंसा के बाद नगालैंड सरकार ने पूरे राज्य में मोबाइल इंटरनेट सेवा के साथा एक साथ कई एसएमएस करने पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। सैन्य प्रवक्ता के मुताबिक, सेना के जवानों को प्रतिबंधित संगठन नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल आफ नागालैंड-के (एनएससीएन-के) के युंग ओंग धड़े के उग्रवादियों की गतिविधि की सूचना मिली थी और इसी गलतफहमी में इलाके में अभियान चला रहे सैन्यकर्मियों ने वाहन पर गोलीबारी की। मौके पर ही छह मजदूर मारे गए। कई घायल हुए। नगालैंड पुलिस के अधिकारियों के मुताबिक, जब मजदूर अपने घर नहीं पहुंचे तो स्थानीय युवक और ग्रामीण उनकी तलाश में निकले। मौके पर मारे गए और घायल पड़े लोगों को देख वे भड़क गए। इन लोगों ने सेना के वाहनों को घेर लिया। इस दौरान हुई धक्का-मुक्की व झड़प में एक सैनिक मारा गया और सेना के वाहनों में आग लगा दी गई। इसके बाद सैनिकों द्वारा आत्मरक्षार्थ की गई गोलीबारी में सात और लोगों की जान चली गई। पुलिस ने कहा कि इस गोलीबारी में अब तक मारे गए लोगों का पोस्टमार्टम मोन में कराया गया है।
आशंका जताई कि मृतकों की संख्या बढ़ सकती है, क्योंकि घायलों में से दो की हालत गंभीर है और उन्हें बेहतर उपचार के लिए असम भेजा गया है, जबकि शेष का उपचार नगालैंड में ही चल रहा है।