हिमाचल प्रदेश के शिमला जिला के ठियोग में आज स्थानीय लोग पानी के लिए सड़कों पर उतरेंगे। नेशनल हाईवे 5 ब्लॉक किया जाएगा। माकपा नेता राकेश सिंघा के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन किया जाएगा, क्योंकि क्षेत्र में 6 से 8 दिन बाद भी पेयजल की सप्लाई नहीं दी जा रही है। इससे हाहाकार मच गया है। खासकर पालतू मवेशियों को पानी पिलाना मुश्किल हो गया है।
क्षेत्र वासी कई किलोमीटर दूर से पानी ढोकर लाने को मजबूर हैं। स्थानीय लोगों के बार-बार आग्रह करने पर भी जल शक्ति महकमा पर्याप्त पेयजल मुहैया कराने में नाकाम रहा है। इसे देखते हुए देवरीघाट पंचायत के लोगों ने नंगल देवी में धरना प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है। देवरीघाट पंचायत की जनता स्थानीय विधायक राकेश सिंघा के नेतृत्व में पानी के लिए धरना देगी।
देवरीघाट पंचायत के पूर्व प्रधान बालकृष्ण बाली ने बताया कि पानी की कमी की वजह से ग्रामीणों ने मजबूरी में सड़कों पर उतरने का फैसला लिया है। उन्होंने बताया कि जब से ओड खड्ड की पेयजल परियोजना को विभाग ने बंद किया है, उसके बाद हर साल देवरीघाट पंचायत के लोगों को पेयजल किल्लत से जूझना पड़ रहा है।
उन्होंने बताया कि जल शक्ति महकमा 4 से 5 दिन बाद कुछ एक घरों में टैंकर से 500-500 लीटर पानी जरूर दे रहा है लेकिन इससे एक दिन का गुजारा भी नहीं हो पा रहा है। खासकर जिन लोगों के पास पालतू मवेशी है। जिन गांव व घर तक सड़क की सुविधा नहीं है, वहां पर टैंकर से भी पानी उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है।
अन्य भागों में भी सूखने लगी पेयजल योजनाएं
कमोवेश यही हालात प्रदेश के कई अन्य क्षेत्रों में भी बनने लगे हैं। शिमला जिला के कलजू, भोगड़ा, धर्मपुर, नारकंडा, मत्याना, ठियोग, शिलारू, हमीरपुर के बड़सर, चंबा, मंडी, सोलन, सिरमौर के दर्जनों गांव में लोग पानी की बूंद-बूंद को तरसना शुरू हो गए हैं।
550 से अधिक पेयजल योजनाएं सूखी
प्रदेश में लंबे ड्राइ स्पेल के कारण जल शक्ति विभाग और लोगों की निजी पेयजल योजनाएं सूखती जा रही है। जल शक्ति विभाग की 550 से अधिक पेयजल योजनाओं पर सूखे की मार पड़ी है। इन परियोजनाओं में पानी का लेवल निचले स्तर पर आ गया है। इससे लोगों को गंभीर पेयजल संकट से जूझना पड़ रहा