ग्लोबल हंगर इंडेक्स की 2022 की सालाना रिपोर्ट आ गई है. भारत 121 देशों में 107वें नंबर पर है. पिछले साल से छह पायदान नीचे. 2021 में यानी पिछले साल भारत सात पायदान गिरा था. पूरे दक्षिण एशिया में भारत सिर्फ अफगानिस्तान से ऊपर है. तालिबान शासित अफ़ग़ानिस्तान 109वें स्थान पर है. जबकि भारत की स्थिति श्रीलंका (64), नेपाल (81), बांग्लादेश (84) और पाकिस्तान (99) से भी ख़राब है।
ग्लोबल हंगर इंडेक्स. हर साल ताज़ा आंकड़ें आते हैं. दुनिया भर में भुखमरी से संबंधित चल रहे अभियानों की उपलब्धि और नाकामी का आंकलन किया जाता है. इसकी रिपोर्ट तैयार करती हैं दो संस्थाएं - आयरलैंड की 'कंसर्न वर्ल्ड वाइड' और जर्मनी की 'वेल्ट हंगर हाईलाइफ़'. किसी भी आंकलन के लिए लगता है एक नंबर. इस रिपोर्ट के संबंध में जो नंबर होता है, वो है GHI स्कोर. अर्थात, ग्लोबल हंगर इंडेक्स स्कोर।
GHI स्कोर चार पैमानों पर तय होता है. 'अल्पपोषण', यानी उम्र के हिसाब से वज़न का कम होना. दूसरा, 'चाइल्ड वेस्टिंग' यानी क़द के हिसाब से वज़न का कम होना. तीसरा, 'स्टंटिंग' यानी उम्र के हिसाब से क़द का कम होना और चौथा, पांच साल के कम उम्र के बच्चों में मृत्यु दर. इसमें 0 से 100 के बीच स्कोर दिया जाता है. GHI ज़्यादा मतलब उस देश में भुखमरी की समस्या ज़्यादा है. उसी तरह, किसी देश के GHI स्कोर कम होने का मतलब है कि वहां की स्थिति बेहतर है. मसलन, इस साल भारत का स्कोर है 29.1, जो प्रकाशकों के मुताबिक़ गंभीर स्थिति है. पिछले साल भारत का स्कोर था 27.5.
इस साल के आंकड़ों पर अभी तक सरकार ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. पिछले साल सरकार ने रैंकिंग के लिए इस्तेमाल की जाने वाले प्रोसेस को ही अन-साइंटिफिक क़रार दिया था. महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने अपने आधिकारिक बयान में कहा था कि कंसर्न वर्ल्डवाइड और वेल्ट हंगर हिल्फ़ की प्रकाशन एजेंसियों ने रिपोर्ट जारी करने से पहले मेहनत नहीं की।