जिन छात्रों के यूजी प्रथम वर्ष के रिजल्ट खराब हैं या जिनके नंबर कम हैं वे विश्वविद्यालय के नियमों के मुताबिक रिवैल्यूवेशन के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके अलावा जिनके पेपर अच्छे हुए थे और उनके कम नंबर आए हैं, वे आरटीआई के तहत अपनी उत्तर पुस्किताएं ले सकते हैं। विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक जीएस नेगी ने कहा है कि छात्र ये पुस्तिकाएं अपने शिक्षकों से चैक करवा सकते हैं। उनका कहना है कि विश्वविद्यालय प्रयास करेगा कि रिवैल्यूएशन का रिजल्ट जल्द घोषित किया जाए।
गौर हो कि बीएससी प्रथम वर्ष में 10000 छात्रों में से 2,000 छात्र पास हुए हैं। 1500 छात्रों की कंपार्टमैंट आई है। 1200 छात्र ऐसे हैं, जिनके अभी तक रिजल्ट आऊट नहीं हुए हैं। ये रिजल्ट काॅलेजों की ओर से पूरे अवार्ड न आने के कारण रुके हुए हैं। वहीं कॉमर्स संकाय का रिजल्ट 40 प्रतिशत से ऊपर रहा है जबकि साइंस का 33 प्रतिशत रहा है। इसी तरह से कला संकाय में भी पास होने वाले छात्रों की प्रतिशतता कम है। इसी के विरोध में प्रदेश भर के कालेजों में विद्यार्थी प्रदर्शन कर रहे हैं।
परीक्षा नियंत्रक ने कहा है कि इस दौरान विश्वविद्यालय प्रथम वर्ष के छात्रों के घोषित किए गए रिजल्ट में से हर विषय के 100-100 पेपरों के सैंपल लेगा। वहीं हर काॅलेज से 10-10 सैंपल लिए जाएंगे। इसमें रिजल्ट में मैरिट में आने वाले छात्र, मिडियम नंबर लेने वाले और सबसे कम व फे ल होने वाले छात्रों की उत्तर पुस्किताएं होंगी। विश्वविद्यालय इन सैंपल्स को चैक करेगा। इसके साथ ऑनलाइन सिस्टम को पूरा जांचा जाएगा। कहीं फीडिंग या उसके बाद सिस्टम उसे उठाने में तो कोई गलती नहीं कर रहा है।
मामले पर गठित शनिवार को कमेटी अपनी रिपोर्ट प्रशासन को सौंप देगी। विश्वविद्यालय प्रशासन ने डीन ऑफ स्टडीज की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया है। विश्वविद्यालय के उप कुलपति प्रोफैसर ज्योति प्रकाश ने बताया कि इसके लिए टीम का गठन कर दिया है। अब रिपोर्ट का इंतजार है।
छात्र संगठनों की चेतावनी, त्रुटियां दूर न कीं तो होगा राज्य स्तरीय आंदोलन
उधर, विश्वविद्यालय के छात्र संगठनों ने प्रशासन को परीक्षा परिणाम में आईं त्रुटियों को तुरंत प्रभाव से दूर करने की चेतावनी दी है, नहीं तो राज्य स्तरीय आंदोलन किया जाएगा।
आपको बता दें कि छात्र संगठन SFI ने HPU Vice चांसलर आफिस को लगभग 3 घण्टे घेरे रखा तथा पुलिस के साथ धक्का मुकी भी हुई।