हिमाचल प्रदेश में ड्रग तस्करी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। बीते वर्ष नवंबर से अब तक गिरफ्तार 2307 ड्रग तस्करों में से करीब 60 प्रतिशत मिलावटी हेराेइन चिट्टा की तस्करी के मामले में थे। चिट्टा की खपत राज्य में लगातार बढ़ रही है। पुलिस अधिकारियों का कहना है हिमाचल प्रदेश में चिट्टा जब्त करने के मामलों में चार गुना की वृद्धि हुई है। 2017 में 3.4 किलोग्राम से बढ़कर 2021 में 14.9 किलोग्राम हो गई है।
पुलिस विभाग के अधिकारियों का कहना है नशे में वृद्धि के साथ हिमाचल चिट्टा के लिए एक बड़ा बाजार बना दिया गया है और समृद्ध परिवारों के नशेड़ी भी इस नशे को बेचने में शामिल हैं। प्रति ग्राम चिट्टा की कीमत हिमाचल प्रदेश में 4000 से 6000 रुपये है।
हिमाचल पुलिस का कहना है कि राज्य में 2307 ड्रग पेडलर हैं, जिनमें से 80 प्रतिशत यानी 1836 हिमाचल से हैं। इसके अलावा 18 प्रतिशत यानी 422 अन्य राज्यों से और दो फीसद यानी 49 लोग विदेशी हैं। हिमाचल पुलिस ने ड्रग पेडलर का रिकार्ड मेंटेन किया है। ऐसा रिकार्ड रखने वाला हिमाचल प्रदेश का पहला राज्य हैडीजीपी संजय कुंडू ने कहा हमने मादक पदार्थों के तस्करों के खिलाफ रिकार्ड मामले दर्ज किए हैं और भारी मात्रा में बरामदगी की है। 2022 में करीब 60 प्रतिशत अभियुक्तों को चिट्टा के साथ पकड़ा गया। नशे के इस काले कारोबार में बड़ी मछलियों पर ध्यान केंद्रित किया गया है और सरगनाओं को पकड़ने के लिए गहनता से जांच की जा रही है। हमारी पहल के परिणाम सामने आ रहे हैं और हमने एक नया 'नशीले पदार्थों के तस्करों का रजिस्टर' बनाया है, जिससे हमें बड़े तस्करों पर कड़ी निगरानी रखने में मदद मिली है।
पुलिस विभाग से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष अक्टूबर के अंत तक 1, 195 एनडीपीएस मामलों में कुल 1, 732 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है और चरस, अफीम, गांजा, स्मैक और कोकीन के अलावा 7.9 किलोग्राम चिट्टा जब्त किया गया है।