उपमंडल जोगिंद्रनगर के एक गांव में 17 साल की छात्रा की संदिग्ध हालात में मौत के बाद शव का पोस्टमार्टम करवाने के लिए पुलिस प्रशासन को काफी जद्दोजहद करनी पड़ी। मृतका के परिजन अपनी लाडली की मौत से बिलख उठे हैं।
ऐसे में बेटी के शव का पोस्टमार्टम न करवाने के लिए अड़ गए। छात्रा के पिता और माता जब घर पहुंचे तो बेटी के शव को देखकर बेहोश हो गए। मंगलवार सुबह एसडीएम डॉ. विशाल शर्मा से परिजनों ने मुलाकात कर पोस्टमार्टम करवाने के लिए इन्कार किया। इस पर उन्होंने परिजनों को समझाया, तब जाकर परिजन पोस्टमार्टम के लिए माने।
छात्रा शहर के एक सरकारी स्कूल में शिक्षा ग्रहण कर रही थी। पुलिस की प्रारंभिक जांच में छात्रा की मौत आत्महत्या बताई जा रही है। पोस्टमार्टम की रिपोर्ट के बाद ही मौत के कारणों का पता चलेगा। मंगलवार को डीएसपी लोकेंद्र नेगी ने पुलिस थाना में पहुंचकर छात्रा की मौत से जुड़े कारणों की जानकारी हासिल की। मामले की गहनता से जांच के आदेश दिए।
उधर जब सिविल अस्पताल में शव को पोस्टमार्टम के लिए लाया गया तो अस्पताल प्रशासन ने नेरचौक या टांडा में पोस्टमार्टम के लिए कहा। इस पर माहौल तनावपूर्ण हो गया। एसडीएम की सख्ती के बाद अस्पताल में शव का पोस्टमार्टम हुआ। दोपहर बाद शव का अंतिम संस्कार किया गया।