सालों-साल बीत जाते हैं सरकारी भर्तियों के इंतजार में. फिर भर्ती आने से लेकर एग्जाम होने तक में भी साल बीत जाते हैं. जरा सोचिए कि सालों-साल भर्तियों की तैयारी करने वाले जब परीक्षा देकर घर पहुंचें और पता चले कि अभी वो जो परीक्षा देकर आ रहे हैं वो रद्द हो गई है तो उन पर क्या बीतती होगी? देश को आजाद हुए 75 साल बीत चुके हैं. हम चांद और मंगल तक पहुंच चुके हैं. लेकिन पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से भर्तियों को पूरा करा लेना हमारी सरकारों को अब तक नहीं आया है।
राजस्थान कर्मचारी चयन आयोग ने नवंबर 2020 में 2300 पदों के लिए वनपाल एवं वनरक्षक भर्ती परीक्षा के लिए नोटिफिकेशन जारी की थी. वैकेंसी आई नवंबर 2020 में लेकिन परीक्षा हुई नवंबर 2022 को. 12 नवंबर 2022 को दो शिफ्ट में परीक्षा आयोजित की गई. करीब 16 लाख अभ्यर्थियों ने इस भर्ती के लिए अप्लाई किया था लेकिन परीक्षा में शामिल हुए करीब 10 लाख अभ्यर्थी।
एडमिट कार्ड पर दिए गए एग्जाम सेंटर पर अभ्यर्थी तय समय पर एग्जाम देने पहुंचे. परीक्षा हुई. अभ्यर्थी घर पहुंचे तो पता चला कि सोशल मीडिया पर ऑन्सर शीट वायरल है. इसमें हाथ से कई सवालों के जवाब लिखे गए थे. दावा किया जा रहा था कि ये वही सवाल हैं जो वनरक्षक भर्ती परीक्षा में पूछे गए थे।
पेपर लीक होने की खबरें उठीं तो पुलिस ने पड़ताल शुरू की. पता चला कि राजसमंद से एक व्यक्ति ने पेपर हल करके दौसा और सवाई माधोपुर में कुछ लोगों को भेजा है. राजसमंद पुलिस ने बिजली विभाग के कर्मचारी दीपक शर्मा को गिरफ्तार किया तो फिर मामला खुलता चला गया. पुलिस जांच में पता चला कि दीपक शर्मा ने परीक्षा से एक घंटे पहले वनरक्षक भर्ती परीक्षा का पेपर सॉल्व करके दो अन्य लोगों को भेजा था. इसके लिए उसने 6 लाख रुपए लिए थे. जबकि उसने सवाई माधोपुर के पवन सैनी से 5 लाख रुपए में पेपर खरीदा था. पेपर का मिलान किया गया तो 100 में से 62 सवाल हूबहू वही पाए गए जो 12 नवंबर को वनरक्षक भर्ती की दूसरी शिफ्ट की परीक्षा में पूछे गए थे. यानी कि एक बार फिर से राजस्थान की भर्ती परीक्षा में नकल माफियाओं ने सेंध लगा दी थी. एक बार फिर से भर्ती परीक्षा का पेपर छात्रों तक पहुंचने से पहले ही पेपर बेचने वाले गिरोह तक पहुंच गया था।
पुलिस ने पेपर लीक मामले में गिरफ्तारी की तो राजस्थान कर्मचारी चयन आयोग ने 12 नवंबर को हुई दूसरी पारी की परीक्षा को रद्द करने का फैसला किया. अब तक पुलिस इस मामले में 9 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है. इससे जुड़े और लोगों की तलाश में तफ्तीश जारी है. लेकिन अब भी सबसे बड़ा सवाल यही है कि पेपर लीक कहां से हुआ? कैसे हुआ? ये दीपक शर्मा और पवन सैनी तक कैसे पहुंचा? इन सवालों के जवाब आने अभी बाकी हैं।