सुक्खू सरकार के लिए सीमेंट विवाद जी का जंजाल बन गया है। दाड़लाघाट और बरमाणा के ट्रक ऑपरेटर 46 दिनों से सड़कों पर हैं। उद्योग मंत्री और अधिकारियों की मध्यस्थता करने के बाद भी मामला नहीं सुलझ रहा है। अब आनन-फानन में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू को बैठक बुलानी पड़ी है। 31 जनवरी को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में अदाणी समूह और ट्रक ऑपरेटरों की बैठक होनी तय हुई है। इधर, भाजपा सीमेंट विवाद को लेकर लगातार सुक्खू सरकार को घेर रही है। अब बजट सत्र में सुक्खू सरकार को घेरने की रणनीति बनाई जा रही है। सरकार ने प्रदेश में सीमेंट उद्योग स्थापित करने के लिए खनन कोे पट्टे पर जमीन दे रखी है। सीमेंट उद्योगों को यह जमीन स्थानीय लोगों से लेकर दी गई है ताकि उद्योगों को कच्चा माल खासकर खनिज जुटाने में परेशानी न हो। इसके अलावा सीमेंट उद्योगों को दूसरे राज्यों से सस्ती बिजली और पानी सहित कई अन्य रियायतें भी उपलब्ध कराई गई हैं। सीमेंट ढुलाई के रेट कम करने को लेकर जिस तरह कंपनी प्रबंधन ने अपना अड़ियल रवैया अपना रखा है, उससे ट्रक यूनियनों के साथ टकराव की स्थिति बनी हुई है।
उच्च स्तरीय कमेटी और उद्योग मंत्री ट्रक मालिकों और सीमेंट प्लांट प्रबंधन के बीच समझौता नहीं करा पाए हैं। अब मुख्यमंत्री ने सीमेंट विवाद सुलझाने को 31 जनवरी को ट्रक मालिकों और सीमेंट प्लांट प्रबंधन को वार्ता के लिए शिमला बुलाया है। हालांकि, दाड़लाघाट ट्रक यूनियनों के साझे मंच के सदस्य राम कृष्ण शर्मा कहते हैं कि उनके प्रतिनिधियों कोे अभी तक सरकार से बुलावा नहीं मिला है। इस बैठक के लिए निमंत्रण का इंतजार है। दूसरी ओर, उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान पहले ही कह चुके हैं कि सीमेंट कंपनी के साथ पूर्व में किए करार की समीक्षा से पहले विधि विभाग से राय ली गई है।
बिलासपुर ट्रक ऑपरेटर सहकारी सभा (बीडीटीएस) मुख्यमंत्री के साथ होने वाली बैठक में दाड़लाघाट ट्रक यूनियन के पदाधिकारियों को भी साथ लेकर जाएगी। मुख्यमंत्री ने 31 जनवरी को बीडीटीएस के पदाधिकारियों को शिमला में बैठक के लिए बुलाया है। लेकिन बीडीटीएस के पदाधिकारियों ने दाड़लाघाट ट्रक यूनियन के पदाधिकारियों को साथ ले जाने का निर्णय लिया है।ट्रक ऑपरेटरों को उम्मीद है कि बैठक में उनके पक्ष में काई सकारात्मक नतीजा आएगा। यदि नतीजा पक्ष में नहीं आया तो आंदोलन को और तेज करने की रणनीति तैयार की जाएगी। बीडीटीएस के प्रधान राकेश ठाकुर ने बताया कि मुख्यमंत्री के साथ होने वाली बैठक में दाड़लाघाट ट्रक यूनियन के पदाधिकारियों को भी साथ लेकर जाएंगे। इसके लिए दाड़लाघाट की ट्रक यूनियन के पदाधिकारियों से संपर्क किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि दोनों सीमेंट प्लांट को अदाणी समूह ने मनमाने तरीके से बंद किया है। अब तानाशाही रवैया अपनाकर ट्रक ऑपरेटरों पर मालभाड़ा कम करने का दबाव बनाया जा रहा है। जबकि ट्रक ऑपरेटर 2005 के फार्मूले से तय मालभाड़े पर माल ढुलाई कर रहा है। इस आंदोलन में दोनों सीमेंट प्लांट के ट्रक ऑपरेटर एक साथ हैं। पहले भी एक साथ पैदल मार्च कर चुके हैं। आगे भी आंदोलन को मिलकर चलाया जाएगा।