हिमाचल की सुक्खू सरकार एक बार फिर से कर्ज लेने जा रही है। सरकार की तरफ से 300 और 500 करोड़ रुपये का यह कर्ज लेने की दो अधिसूचनाएं जारी की गई हैं। बता दें कि विधानसभा चुनाव में जनता से किए गए वादों को पूरा करने के लिए सरकार ने 800 करोड़ रुपए के कर्ज के लिए अप्लाई कर दिया है। जल्द ही यह राशि हिमाचल सरकार को मिल जाएगी।
इन अधिसूचनाओं में स्पष्ट किया गया है कि यह कर्ज प्रदेश के विकासात्मक कार्यों पर खर्च होगा। इसलिए सरकार ने 300 करोड़ रुपए का कर्ज 6 साल के लिए और 500 करोड़ का लोन 8 वर्ष की अवधि के लिए लेने का निर्णय लिया है | यह कर्ज इसी महीने सरकार को मिल जाएगा। इस कर्ज को लेने के लिए केंद्र सरकार से अनुमति ले ली गई है। इससे पहले दिसंबर 2022 में सत्ता में आई सुक्खू सरकार ने बीते वित्त वर्ष 2022-23 में भी 3200 करोड़ रुपए का कर्ज लिया था। गौर हो कि हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू लगातार पूर्व की सरकार पर कर्ज के बोझ को बढ़ाने का आरोप लगाते रहे हैं। हालाकि, खुद भी सत्ता में आते ही काग्रेस सरकार ने तीन अलग-अलग किस्तों में भारी-भरकम लोन उठा लिया था। अब एक बार फिर 800 करोड़ रुपए के कर्ज लेने जा रहे हैं। हालाकि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू यह भी दावा करते हैं कि हिमाचल प्रदेश आने वाले 10 सालों में देश भर का सबसे अमीर राज्य होगा। उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश के कर्ज लेने की सीमा 5 हजार 500 करोड़ रुपए तक घटा दी है। पहले हिमाचल प्रदेश सरकार 14 हजार 500 करोड़ रुपए तक का कर्ज ले सकती थी, लेकिन अब सिर्फ 9 हजार करोड़ रुपए तक का ही कर्ज लिया जा सकेगा। वहीं केंद्र ने विदेशी कर्ज लेने की सीमा को भी 7000 हजार करोड़ कर दिया है। हालाकि बीते करीब दो दशक से हिमाचल प्रदेश में कर्ज का मर्ज कम होने का नाम ही ले रहा। इस बीच अब केंद्र ने हिमाचल प्रदेश की राह मुश्किल कर दी है।