विगत दिनों हिमाचल प्रदेश में भारी बरसात के कारण बड़ी आपदा आई। प्रदेश में भारी जान-माल की क्षति हुई है। ऐसे में प्रदेश भाजपा ने आपदा प्रभावितों को पांच विश्वा जमीन देने की मांग उठाई है साथ ही प्रदेश के भूगर्भीय सर्वेक्षण की भी मांग की है।
इस संबंध में पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और शिमला संसदीय क्षेत्र से सांसद सुरेश कश्यप भाजपा नेताओं के एक प्रतिनिधि मंडल के साथ राज्यपाल शिव प्रसाद शुक्ला से मिले। भाजपाईयों ने इस दौरान राज्यपाल को एक ज्ञापन भी सौंप।
सुरेश कश्यप ने बताया कि मेरा संसदीय क्षेत्र (शिमला) भी आपदा से अछूता नहीं है और लोग अपना घर-गांव छोड़कर शरणार्थियों की तरह जीवन जीने के लिए विवश हैं। उन्होंने बताया की शिमला संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत बड़ी संख्या में सड़के ठप्प है और सड़कें गिरने के कगार पर है। इनको जल्द से जल्द ठीक करने के दिशा-निर्देश पी.डब्ल्यू.डी. महकमे को देने चाहिए ताकि आम जनजीवन पटरी पर लौट सके।
सांसद ने कहा कि हिमाचल प्रदेश और शिमला संसदीय क्षेत्र के क्षतिग्रस्त इलाकों का भू-गर्भीय सर्वेक्षण करवाना जरूरी है। इससे स्पष्ट हो जाएगा कि किस क्षेत्र में वहां की भूमि रहने लायक है अथवा नहीं। जिन लोगों की भूमि क्षतिग्रस्त हो गई है उनको भूमि के बदले दूसरे स्थान पर भूमि आबंटित की जाए और जिनकी भूमि पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई है उन्हें कम से कम 05 बिस्वा भूमि गृह निर्माण हेतु दी जाए।
मेरे संसदीय क्षेत्र में दून, नालागड़, रेणुका, नाहन, पांवटा साहिब, चौपाल, कसौली, कोटखाई, रोहडू और ठियोग में ज्यादा क्षति हुई है। जहां लोगों के मकान / गौ शालाओं को भारी नुकसान हुआ है, वहां सर्वेक्षण करवा कर उचित मुआवजा प्रदान किया जाए। इसके अलावा अन्य विधान सभा क्षेत्रों में भी छुट-पुट नुकसान हुआ है
कश्यप ने बताया कि इस आपदा में कई लोगो की जमीन पूर्ण रूप से नष्ट हो गई है, उनकी आमदनी के स्त्रोत भी पूरी तरह खत्म हो गए है। मेरा मानना है कि प्रत्येक व्यक्ति को बड़ी तादाद में आर्थिक सहायता देनी चाहिए।प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत केंद्र द्वारा 6500 से अधिक घर दिए गए है, इन घरों को आपदा से ग्रस्त लोगों को प्रदेश सरकार द्वारा प्रेषित करवाने चाहिए। जब तक आवास का निर्माण नहीं होता तब तक वैकल्पिक आवास एवं भोजन की व्यवस्था की जाए।