पौंग झील किनारे खाली पड़ी वन्य प्राणी विभाग की जमीन पर साधन संपन्न परिवारों द्वारा प्रतिबन्ध के बावजूद खेती करना शुरू कर दिया है तथा रात के अंधेरे में ट्रैक्टरों से खेती कर रहे हैं। साधन संपन्न परिवारों ने सैंकड़ों एकड़ जमीन को कुरेद डाला है लेकिन वन्य प्राणी विभाग मूकदर्शक बना हुआ है। जो लोग वन्य प्राणी विभाग की जमीन पर हल चला रहे हैं।
लोगों की माने तो ये इन बाहुबलियों की हिमाचल प्रदेश सरकार मे बैठे एक नेता के साथ सांठगांठ है जिससे साफ जाहिर हो रहा है कि इनको राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है। राजनीतिक संरक्षण होने के कारण वन्य प्राणी विभाग इन लोगों पर कार्रवाई करने से कतरा रहा है। स्थानीय बुद्धिजीवी लोगों का कहना है कि हिमाचल सरकार के एक नेता के इशारे पर यह खेती की जा रही है। उन्होंने कहा कि जब भाजपा की सरकार होती है तो भाजपा के ओहदेदार खेती कर लेते हैं और अब कांग्रेस की सरकार बनी है तो कांग्रेस के ओहदेदार खेती करने में जुट गए हैं लेकिन इसमें आम गरीब जनता को तो कोई फायदा नहीं होता है। लोगों का कहना है कि वन्य प्राणी विभाग ने लाखों रुपए की लागत से वन्य प्राणी विभाग की जमीन पर गैर कानूनी कार्यों को रोकने के लिए निगरानी के लिए ड्रोन ऱखा है लेकिन जब इस तरह के कार्य को अंजाम दिया जाता है तो उस समय विभाग का ड्रोन भी बंद रहता है आखिर ऐसा क्यों कहीं विभाग की मिलीभगत तो नहीं या फिर किसी राजनेता के दबाव कारण इसे बंद रखा जाता है। वहीं पर्यावरण प्रेमी मिलखी राम शर्मा, कुलवंत सिंह, उजागर सिंह , जसवंत सिंह ,महेंद्र सिंह, रविंद्र शर्मा ने कहा कि हरसर, सिद्धाथा, नगरोटा सूरियां, पनालथ, घाड़जरोट, देहरी, झोंका रतियाल, समकेहड़ सहित आसपास के वन्य प्राणी विभाग की जमीन पर ट्रैक्टरों द्वारा अवैध खेती के लिए जमीन कुरेदी जा रही है । उन्होंने कहा कि वन्य प्राणी विभाग की जमीन पर खेती करना प्रतिबंधित है उन्होंने वन्य प्राणी विभाग से मांग की है कि प्रतिबन्ध के बावजूद वन्य प्राणी विभाग की जमीन पर खेती करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए।
आरओ पविन्दर राणा के बोल....
वन्य प्राणी विभाग के आरओ पविन्दर राणा ने भी इस बात को माना है कि लोगों ने वन्य प्राणी विभाग की जमीन को खेती के लिए ट्रैक्टर द्वारा कुरेद दिया है उन्होंने कहा कि जब भी विभाग के कर्मचारी मौके पर पहुंचते हैं तो वह भाग जाते हैं । उन्होंने कहा है कि वन्य प्राणी विभाग की जमीन को खेती के लिए जिन लोगों ने जमीन को कुरेदा है उनकी पहचान की जा रही है और शीघ्र ही वन्य प्राणी विभाग की जमीन पर खेती करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।