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फर्जी डिग्री से नौकरी पाने के आरोप में प्रिंसिपल समेत 15 शिक्षकों के खिलाफ केस, सैनिक कोटे से हुए थे भर्ती

फर्जी डिग्री हासिल कर नौकरी पाने के आरोप में प्रिंसिपल समेत 15 शिक्षकों के खिलाफ राज्य सतर्कता एवं भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो (विजिलेंस) ने शनिवार को न्यायालय में चालान पेश किए हैं। सरकार से इस मामले में अभियोजन की मंजूरी मिलने के बाद विजिलेंस ने हमीरपुर न्यायालय में 13 आरोपी शिक्षकों, धर्मशाला और नाहन में एक-एक आरोपी शिक्षक के खिलाफ चालान पेश किया। इनमें एक दर्जन पूर्व सैनिक भी शामिल हैं। अब न्यायालय में अभियोग चलने के बाद जल्द ही इन आरोपी शिक्षकों के मामले में बहस होगी।

अगर ये शिक्षक दोषी पाए जाते हैं तो इनके खिलाफ अगली कार्रवाई होगी। प्रदेश शिक्षा विभाग में वर्ष 2004-05 में पूर्व सैनिक कोटे से शिक्षकों की भर्तियां हुई थीं। इस दौरान आरोप लगे कि 17 अभ्यर्थियों ने बिहार के मगध विश्वविद्यालय से बीए, एमए और बीएड की डिग्रियां हासिल कर प्रदेश के शिक्षा विभाग में नौकरियां हासिल की थीं। इसके कुछ समय बाद कई लोगों ने विजिलेंस में शिकायत की।शिकायत के बाद वर्ष 2018 में विजिलेंस की एक टीम बिहार के मगध विश्वविद्यालय में जांच के लिए पहुंची। वहां 17 में से 15 शिक्षकों का कोई रिकॉर्ड नहीं मिला। विजिलेंस ने जांच रिपोर्ट सरकार को सौंपी, लेकिन किसी कारणवश आगामी कार्रवाई लटक गई। इसके बाद दोबारा जांच के निर्देश जारी हुए तो विजिलेंस टीम बीते वर्ष फिर मगध विवि पहुंची। यहां विवि के कुलपति, रजिस्ट्रार और परीक्षा नियंत्रक ने बताया कि हिमाचल में सेवारत संबंधित 15 शिक्षकों ने इस विवि में न तो कभी दाखिला लिया और न ही परीक्षाएं दी हैं।

आरोपी शिक्षकों के पास जो डिग्रियां हैं, वे फर्जी हैं। 17 में से केवल दो शिक्षकों का रिकॉर्ड ही सही पाया गया। अब सरकार से इस मामले में अभियोजन की मंजूरी मिलने के बाद विजिलेंस ने न्यायालय में चालान पेश किया है। दिलचस्प बात यह है कि आरोपियों में से कुछ शिक्षक अपना सेवाकाल पूरा करने के बाद विभाग से सेवानिवृत्त भी हो गए हैं और अब पेंशन का लाभ ले रहे हैं।

हिमाचल में फर्जी डिग्री पाकर शिक्षा विभाग में नौकरी पाने के मामले में 15 शिक्षकों के खिलाफ भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी के आरोप में केस दर्ज हुए हैं। विजिलेंस ने जांच पूरी करने के बाद आरोपियों के खिलाफ न्यायालय में चालान पेश कर दिए हैं। हमीरपुर, धर्मशाला और नाहन की अदालत में चालान पेश किए गए हैं। मगध विवि ने इनकी डिग्रियों को फर्जी बताया है।

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