सिद्धार्थ राजकीय उत्कृष्ट महाविद्यालय नादौन में दिनांक 29 और 30 सितम्बर 2023 को इस क्षेत्र की पहली अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। यह कॉन्फ्रेंस 'रीसेंट ट्रेंड्स इन साइंस एंड टेक्नोलॉजी फॉर एनवायरमेंट कंजर्वेशन एंड सस्टेनेबल डेवलपमेंट' विषय पर आयोजित की गई । इस कॉन्फ्रेंस के पहले दिन के अतिथि डॉ वी के मट्टू प्रोफेसर एंड प्रोफेसर एमेरिटस हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय थे। दूसरे दिन के मुख्य अतिथि डॉ प्रोमिला पाठक प्रोफेसर और डीएसडब्ल्यू महिला पियू चंडीगढ़ थे । कॉन्फ्रेंस में डॉ नीलम मट्टू साइंटिस्ट हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी शिमला डॉ नीरज गुप्ता असिस्टेंट प्रोफेसर सेंट्रल यूनिवर्सिटी हिमाचल प्रदेश डॉ सुषमा शर्मा प्रोफेसर हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी शिमला विशेष रूप से उपस्थित रहे। प्राचार्य डॉक्टर अनिल कुमार गौतम व स्टाफ ने महाविद्यालय प्रांगण में मुख्य अतिथि का स्वागत किया । अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस के अवसर पर अंतरराष्ट्रीय स्मारिका का विमोचन भी मुख्य अतिथि द्वारा किया गया। प्राचार्य डॉ अनिल कुमार गौतम ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों से पश्चिमी हिमालय क्षेत्र विशेष कर हिमाचल प्रदेश तथा उत्तराखंड में वर्षा ऋतु में हुए भारी जान माल के नुकसान तथा आधारभूत ढांचे को क्षति यह इंगित करती है की हिमालय क्षेत्र में विकास के साथ-साथ पर्यावरण को भी संरक्षित करना जरूरी है। इस अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस में अमेरिका इंग्लैंड स्पेन तथा ताइवान सहित कई देशों के वैज्ञानिक ने भाग लिया । इस कांफ्रेंस में ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों तरह से उपरोक्त मुद्दों पर ज्ञान सभी ने साझा किया। समापन सत्र के मुख्य अतिथि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के बायो साइंस विभाग के प्रोफेसर डॉ देशराज ठाकुर थे। कॉन्फ्रेंस के आयोजक डॉक्टर भगवती प्रसाद शर्मा ने कहा कि इस कांफ्रेंस में देश के सभी राज्यों और प्रदेश के सभी जिलों से शिक्षक, साइंटिस्ट, विद्यार्थियों ने भाग लिया । इस दो दिन की अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस में लगभग 350 लोगों ने अपने शोध प्रस्तुत किये ।
इस कांफ्रेंस में पी टी ए प्रधान संदीप प्रो विक्रम ठाकुर व आयोजन समिति के सदस्य प्रोफेसर रुचि संगल प्रोफेसर सुनीता सकलानी प्रोफेसर धृति शर्मा समेत महाविद्यालय का समस्त स्टाफ उपस्थित रहा । महाविद्यालय के मीडिया प्रभारी डॉ अमृत लाल शर्मा ने जानकारी देते हुए कहा कि डॉ भगवती शर्मा के धन्यवाद ज्ञापन और राष्ट्रगान के साथ इस दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का समापन हुआ है जिसमें एक विस्तृत एवं वैज्ञानिक चर्चा देश विदेश के वुद्धिजीवियों ने की है।