प्रदेश में बरसात में आई प्राकृतिक आपदा का मुख्य कारण अवैज्ञानिक और अवैध खनन है। राज्य सरकार की ओर से आपदा के कारणों की जांच के लिए गठित कमेटी की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। रिपोर्ट में बताया गया है कि अकेले ब्यास बेसिन में ही 131 स्टोन क्रशरों में से 68 अवैध हैं। सरकार की ओर से गठित मल्टी सेक्टर कमेटी ने आपदा के लिए जलवायु परिवर्तन को भी बड़ा कारण माना है।
कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि ब्यास बेसिन पर 131 स्टोन क्रशरों में से 68 के पास संचालन की अनुमति नहीं नहीं मिली है। इसके अतिरिक्त 7 क्रशर बाढ़ से प्रभावित पाए गए हैं। जबकि 6 में भंडारण से संबंधित अनियमितताएं पाई गई हैं। नदी में अत्याधिक मलबा फैंकने से बाढ़ ने गंभीर रूप धारण किया जिससे जान माल की भारी क्षति हुई।समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि ब्यास नदी का पर्यावरणीय संतुलन भारी दबाव में है, जिसका वैज्ञानिक अध्ययन करने की जरूरत है और स्टोन क्रशरों के संचालन के लिए उपयुक्त उपाय करने जरूरी हैं। समिति ने सिफारिश की है कि पर्यावरणीय संतुलन के लिए सरकार खनन व स्टोन क्रशरों के संचालन की अनुमति, नवीनीकरण भविष्य में एकल खिड़की आधार पर प्रदान की जाए। समिति की अंतिम रिपोर्ट आने तक नए स्टोन क्रशर खोलने पर अस्थायी प्रतिबंध रहे।