अनिल छांगू (जवाली)
पौंग झील में आने वाले प्रवासी परिंदों की सुरक्षा रामभरोसे है। झील में आने वाले प्रवासी पक्षियों की सुरक्षा का जिम्मा वन्य प्राणी विभाग के हाथ होता है लेकिन वन्य प्राणी विभाग की सुस्त कार्यप्रणाली से प्रवासी पक्षियों की सुरक्षा पर सवालिया निशान लग रहा है। झील में अभी तक 50 हजार प्रवासी पक्षी पहुंचे हैं तथा इन प्रवासी पक्षियों के खान-पान के लिए अंतराष्ट्रीय एजेंसियों द्वारा करोड़ों की Aid दी जाती है लेकिन झील किनारे प्रवासी पक्षियों के खाने के लिए कोई भी दाना नहीं डाला जाता है। हालांकि झील किनारे खाली जमीन पर वन्य प्राणी विभाग इन पक्षियों के लिए दाना डाल सकता है जिसको चुगकर प्रवासी पक्षी अपना पेट भर सकते हैं। आजतक वन्य प्राणी विभाग न तो अपनी हदबन्दी तक तारबंदी कर पाया है और न ही पर्यटकों के लिए पार्क बनवा पाया है। कोर्ट के आदेशों के बाद भी वन्य प्राणी विभाग की जमीन को साधन संपन्न लोग कुरेद कर बीज रहे हैं तथा रात-दिन ट्रेक्टर चल रहे हैं परंतु वन्य प्राणी विभाग इन ट्रैक्टरों पर कोई कार्रवाई नहीं कर पा रहा है। यह साधन संपन्न लोग खेती की आड़ में प्रवासी परिंदों का शिकार कर लेते हैं जबकि विभाग मूकदर्शक बनकर देखता रहता है। खेती को बचाने के लिए कुछ लोग तो जहरीली दवाई डालकर प्रवासी परिंदों को मौत के घाट उतार देते हैं और कुछ लोग तार इत्यादि लगाकर इनको पकड़ लेते हैं। प्रवासी परिंदों की रक्षा करने वाला वन्य प्राणी विभाग खुद ही खेती करवाकर सुरक्षा में सेंधमारी करवा रहा है। विभाग ड्रोन व दूरबीन से प्रवासी पक्षियों पर नजर रखने का दावा करता है परन्तु जिस विभाग से आजतक हल चलाता ट्रेक्टर नहीं पकड़ा गया वो प्रवासी पक्षियों की रक्षा क्या कर पाएगा। बुद्धिजीवियों ने प्रदेश सरकार व वन्य प्राणी विभाग से मांग उठाई है कि झील किनारे हो रही खेती को सख्ती से बन्द करवाया जाए।
इस बारे पर्यावरणप्रेमी व शिक्षाविद मिलखी राम शर्मा ने कहा कि वन्य प्राणी विभाग की मिलीभगत से झील किनारे खेती हो रही है। प्रवासी पक्षियों का शिकार हो रहा है तथा वन्य प्राणी विभाग के सुरक्षा के दावों की पोल खुल रही है। साधन संपन्न लोगों द्वारा बेसहारा पशुओं को कड़कती ठंड में भूखी-प्यासी तारबंदी में बंद करके रखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि कोर्ट के आदेशानुसार अगर झील किनारे खेती नहीं हो सकती है तो फिर खेती कैसे हो रही है। उन्होंने कहा कि वह इस मसले को हाईकोर्ट में लेकर जाएंगे तथा याचिका दर्ज करवाएंगे।
क्या कहते हैं डीएफओ रेजीनोड रॉयस्टोन:
वन्य प्राणी विभाग हमीरपुर के डीएफओ रेजीनोड रॉयस्टन ने कहा कि वन्य प्राणी विभाग की जमीन पर खेती करना वर्जित है। उन्होंने कहा कि अगर किसी ने खेती की तो उसके खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। उन्होंने कहा कि ट्रैक्टर को जब्त कर लिया जाएगा।