प्रदेश सरकार द्वारा नई शिक्षा नीति को लागू करने के लिए जारी नोटिफिकेशन के बाद कॉलेजों में पढ़ा रहे शिक्षक असमंजस की स्थिति में आ गए हैं। शिक्षकों का कहना है कि नई शिक्षा नीति को लागू करने में सरकार जल्दबाजी कर रही है, जबकि कई कॉलेजों में आधारभूत ढांचा ही तैयार नहीं हैं। मंडी में आज हिप्र राजकीय महाविद्यालय शिक्षा संगठन (एचजीसीटीए) की प्रदेश अध्यक्ष डॉ. वनीता सकलानी ने इस पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि जिस तरह से बिना आधारभूत ढांचे के रूसा का हश्र हो गया। था, उसी तरह सरकार की जल्दबाजी के चलते नई शिक्षा नीति का हश्र भी हो सकता है। उकना कहना था कि प्रदेश के कई कॉलेजों की कक्षाएं स्कूलों में चल रही हैं। बुनियादी ढांचे व शिक्षकों के बिना यहां नई शिक्षा नीति को लागू करना संभव नहीं होगा। कॉलेजों में 600 पद रिक्त पड़े हुए हैं। यदि सरकार इस नीति को लागू कर देती है तो शिक्षकों पर वर्क लोड बढ़ेगा। हिमाचल की भौगोलिक परिस्थितियां भी अलग हैं। ऐसे में सरकार इस नीति को लागू करने से पहले सभी पहलुओं का ध्यान रखें और अगले शैक्षणिक सत्र से इस नई नीति को लागू करे।