इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज ( आईजीएमसी) में कमीशन को लेकर बड़ा गड़बड़झाला चल रहा है। अस्पताल में उपचार करवाने आ रहे मरीजों को सरकारी की जगह निजी लैब में टेस्ट करवाने भेजा जा रहा है। अस्पताल में तैनात कुछ डॉक्टर मरीजों की पर्चियों पर लैब का नाम तक लिख रहे हैं। अस्पताल में धड़ल्ले से चल रहे इस गड़बड़झाले की भनक अब अस्पताल प्रबंधन को लग चुकी है।
इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (आईजीएमसी) में रोजाना हजारों की तादाद में मरीज उपचार करवाने के लिए आते हैं। कुछ डॉक्टरों की अस्पताल परिसर के बाहर निजी लैबों में कमीशन सेट होने पर मरीजों के टेस्ट बाहर करवाए जा रहे हैं। अस्पताल सूत्रों का कहना है कि इसमें तर्क दिया जाता है कि यहां मरीज को जल्द रिपोर्ट मिल जाएगी।
अमर उजाला की रिपोर्ट के मुताबिक दूरदराज के क्षेत्रों से उपचार करवाने आने वाले मरीज और उनके तीमारदार इस झांसे में आ जाते हैं और निजी लैबों में भारी भरकम राशि खर्च कर टेस्ट करवाने पड़ते हैं। शाम के वक्त इस तरह के मामले ज्यादा रहते हैं। अस्पताल प्रबंधन के हाथों में इस तरह की पर्चियां लगी हैं। अब पक्का सबूत हाथ लगने के बाद आने वाले दिनों में अस्पताल प्रबंधन कार्रवाई करने की तैयारी में है।आईजीएमसी में सुबह साढ़े नौ से शाम चार बजे तक ओपीडी चलती है। सैंपल क्लेक्शन सेंटर के बाहर कुछ लोग सफेद कोट पहनकर घूमते रहते हैं। यह मरीजों को निजी लैैब में जल्द टेस्ट करवाने का झांसा देकर लैब तक ले जाते हैं।अस्पताल में मंगलवार को जब अस्पताल कर्मचारियों को इसका पता लगा तो इन लोगों को पकड़ने की कोशिश की लेकिन वह भाग निकले।