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भीम आर्मी के प्रदेश सचिव को 20 हजार का हिसाब मांगना पड़ा भारी, महासचिव ने किया संगठन से बाहर; जानें पूरा मामला

हिमाचल में भीम आर्मी पिछले तीन सालों से काम कर रही है और लगातार अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों के हितों के लिए आवाज उठा रही है। जिससे कई लोगों को न्याय भी मिला है। लेकिन भीम आर्मी के हिमाचल प्रदेश के संगठन में क्या चल रहा है, यह एक बड़ा सवाल है। यहां कब किस को पद से हटा दें, और कब किस की नियुक्ति हो जाए कोई नहीं जानता।

ऐसा ही मामला पिछले दिनों सामने आया जब भीम आर्मी के प्रदेश सचिव ने सोशल मीडिया पर पोस्टें डालकर संगठन के पदाधिकारियों और सदस्यों से इक्कठा किए 20 हजार रुपए का हिसाब मांगा। आपको जानकर हैरानी होगी कि पैदा इक्कठा करने वालों ने हिसाब देने की जगह प्रदेश सचिव को ही संगठन से चलता कर दिया। जबकि किसी भी संगठन के पदाधिकारी का अधिकार होता है कि वह संगठन में चल रहे किसी भी काम या पैसे के लेनदेन की जानकारी मांग सकता है।

भारतीय कानून और संविधान को मानने का दावा करने वाले संगठन में इस तरह की कार्यवाही कई पदाधिकारियों और आम लोगों को हजम नहीं हो रही। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस प्रकरण की जानकारी प्रदेश प्रभारी और राष्ट्रीय अध्यक्ष तक को थी। फिर भी प्रदेश प्रभारी और राष्ट्रीय अध्यक्ष में पैसों का हिसाब देने पर कोई बात नहीं कही। बल्कि प्रदेश सचिव को ही हटवा दिया। जिसका लेटर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

फेसबुक पर शेयर की गई पोस्टों के मुताबिक भीम आर्मी की विद्यार्थी विंग के अध्यक्ष और प्रदेश प्रवक्ता ने भीम आर्मी के पदाधिकारियों को पैसा इक्कठा करने के लिए कहा था और प्रदेश महासचिव के बैंक अकाउंट में गूगल पे, पेटीएम आदि के माध्यम से पैसा इक्कठा किया गया था। 

सूत्रों में कहा कि भीम आर्मी हिमाचल प्रदेश दो गुटों में बंट चुका है। जहां प्रदेश अध्यक्ष वाला गुट लोगों से पैसा इक्कठा करने के खिलाफ है और लोगों के लिए न्याय की लड़ाई लड़ने के पक्ष में है। वहीं महासचिव वाला गुट लोगों के लिए कोई भी काम करने के बजाय पैदा इक्कठा करने के पक्ष में है। सूत्रों में बताया कि महासचिव वाला गुट अत्याचार होने पर अपने मनाली विधानसभा के अध्यक्ष के साथ खड़ा नहीं हुआ था। जबकि प्रदेश अध्यक्ष वाला गुट हमेशा लोगों को न्याय दिलाने के लिए आवाज उठाता रहता है।

इस घटना ने भीम आर्मी पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। क्या भीम आर्मी गलत लोगों के साथ है? अगर प्रदेश सचिव ने पैसों के हिसाब मांगा तो हिसाब देने में क्या समस्या थी? क्या भीम आर्मी के महासचिव ने पैसों में घोटाला किया है? उधर जब हमने जब प्रदेश सचिव से बात की तो उनका कहना था कि मुझे इस बारे कुछ पता नहीं है। मुझे भीम आर्मी से निकाल दिया है या नहीं, इस बारे मुझे सूचित नहीं किया गया है।

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