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तंबाकू मुक्त भारत की ओर मंगल सिंह की मुहिम, इंदौरा का युवक कर रहा जागरूक

तंबाकू जैसी घातक लत से देश को मुक्त कराने के लिए सामाजिक कार्यकर्ता मंगल सिंह एक सशक्त और प्रभावशाली मुहिम चला रहे हैं। उन्होंने MSW (Master of Social Work) Central University से अपनी शिक्षा प्राप्त की और कई प्रतिष्ठित राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय गैर-सरकारी संगठनों (NGOs) के साथ काम कर व्यापक सामाजिक अनुभव अर्जित किया। इसके बाद वे हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा के इंदौरा तहसील स्थित अपने गांव बडूखर लौटे और वहीं से "Nobel Community foundation " नामक संस्था की शुरुआत की, जो स्वास्थ्य, शिक्षा, नशा मुक्ति और ग्रामीण विकास जैसे मुद्दों पर काम कर रही है। मंगल सिंह का मानना है कि तंबाकू केवल एक नशा नहीं, बल्कि समाज और खासकर युवाओं के भविष्य को अंधकार में धकेलने वाला एक धीमा ज़हर है। साल 2020 से वे Nada India Foundation के साथ मिलकर तंबाकू नियंत्रण कानूनों को अधिक सख्त बनाने के लिए प्रयासरत हैं। अपने प्रयासों के माध्यम से वे न सिर्फ युवाओं को तंबाकू के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक कर रहे हैं, बल्कि सरकार से COTPA Act 2003 में बदलाव की भी पुरजोर मांग कर रहे हैं। उनका सुझाव है कि तंबाकू उत्पाद खरीदने की न्यूनतम उम्र 18 से बढ़ाकर 21 वर्ष की जाए, ताकि किशोर अवस्था में इसकी लत लगने से रोका जा सके। साथ ही वे सार्वजनिक स्थानों पर बनाए गए निर्धारित धूम्रपान क्षेत्रों (DSA) को पूरी तरह समाप्त करने की बात करते हैं। मंगल सिंह तंबाकू उत्पादों के विज्ञापन, प्रचार या प्रायोजन पर पूर्ण प्रतिबंध की मांग कर रहे हैं, और चाहते हैं कि तंबाकू पैकेट पर 100% चेतावनी लेबल अनिवार्य किया जाए। उनकी यह मुहिम केवल कानूनी बदलाव नहीं, बल्कि सामाजिक मानसिकता को बदलने की दिशा में एक गंभीर प्रयास है। यदि समाज, सरकार और नागरिक मिलकर इस अभियान को समर्थन दें, तो भारत को तंबाकू मुक्त बनाने की दिशा में यह एक निर्णायक कदम साबित हो सकता है।

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