लेह-लद्दाख में पूर्ण राज्य के दर्जे और छठी अनुसूची की मांग को लेकर जारी लंबे आंदोलन ने बुधवार को हिंसा का रूप ले लिया। लेह की सड़कों पर हजारों लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी और प्रदर्शनकारी युवाओं ने भाजपा कार्यालय, स्वायत्त हिल काउंसिल और सरकारी वाहनों में आगजनी व तोड़फोड़ की।
पुलिस से झड़प में हालात इस कदर बिगड़े कि आत्मरक्षा में पुलिस को गोली चलानी पड़ी, जिसमें 4 लोगों की मौत और 70 से अधिक के घायल होने की पुष्टि हुई है, जिनमें 30 से अधिक सुरक्षाकर्मी भी हैं।
हिंसा के माहौल को देखते हुए प्रशासन ने लेह और करगिल में कर्फ्यू लागू कर दिया और पांच से अधिक लोगों के एकत्र होने पर पाबंदी लगा दी गई। आंदोलन की अगुवाई कर रहे पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक 15 दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे थे, लेकिन हिंसा भड़कने के बाद उन्होंने उपवास समाप्त कर दिया और युवाओं से शांति बनाए रखने की अपील की।
केंद्र सरकार ने इस हिंसा के लिए सोनम वांगचुक के भड़काऊ बयानों को जिम्मेदार ठहराया, वही विपक्ष ने सरकार पर स्थानीय जनभावनाओं की अनदेखी का आरोप लगाया है। प्रशासन ने सुरक्षा के मद्देनजर अतिरिक्त सुरक्षाबल तैनात किए हैं और हालात पर लगातार नजर रखी जा रही है।
मुख्य बिंदु:
- राज्य की मांग और छठी अनुसूची के लिए प्रदर्शन
- 4 लोगों की मौत, 70 से अधिक घायल, भारी आगजनी व हिंसा
- भाजपा दफ्तर, हिल काउंसिल और सरकारी वाहन जले
- पुलिस फायरिंग, शहर में कर्फ्यू लागू
- सोनम वांगचुक ने भूख हड़ताल समाप्त कर शांति की अपील की।