दुर्गेश कटोच(मॉन्टी)
नूरपुर डिवीजन के ज्वाली रेंज में एक बार फिर खैर के पेड़ों की अवैध कटान का मामला सामने आया है, जिससे वन विभाग की कार्यप्रणाली और जिम्मेदारी पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।
मुख्य घटनाक्रम
- ज्वाली रेंज के सरकारी और निजी जंगलों से खैर वृक्षों की बड़े पैमाने पर कटान की पुष्टि हुई है।
- स्थानीय लोगों ने आरोप लगाए हैं कि वन विभाग की सांठगांठ और ढिलाई के कारण तस्करों के हौसले बुलंद हैं।
- कई बार कटान की घटनाएं वन चौकी और प्रशासनिक सतर्कता के करीब होते हुए भी सामने आई हैं, जिससे विभागीय निगरानी और कार्रवाई पर संदेह बढ़ा है।
- ग्रामीणों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की मांग है कि उच्च अधिकारियों द्वारा मौके का निरीक्षण कर दोषी कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई की जाए।
वन विभाग पर सवाल
- ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि सरकारी कर्मचारियों की मिलीभगत से ही खैर कटान जैसी घटनाएं बार-बार दोहराई जा रही हैं।
- विभाग द्वारा की गई कार्रवाई अधिकतर औपचारिकताएं रह गई हैं; मूल तस्कर और नेटवर्क तक पहुंचने में विफलता लगातार उजागर हो रही है।
- वन संपदा की इस लूट से पर्यावरण, जल संरक्षण और जैव विविधता को गहरी क्षति हो रही है, जिसका सीधा असर आने वाली पीढ़ियों के भविष्य पर पड़ सकता है।
जनता का आक्रोश
- ग्रामीण अब विभागीय स्तर पर कड़ी सजा और त्वरित कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
- सामाजिक संगठनों ने चेताया है कि यदि तस्करी का नेटवर्क नहीं टूटता, तो इलाके के जंगल लगभग समाप्ति की कगार पर हैं
