हिमाचल प्रदेश में पंचायत स्तर पर वर्षों से सेवाएं दे रहे ग्राम रोजगार सेवकों के लिए बड़ी राहत की खबर है। राज्य ग्रामीण विकास विभाग द्वारा 8 सितंबर 2025 को जारी नए अनुबंध (Contract) आदेश के खिलाफ लगभग 600 ग्राम रोजगार सेवकों ने “Shiv Raj vs State of HP” शीर्षक से हाई कोर्ट में केस दाखिल किया था। आज, 10 नवंबर को हाई कोर्ट ने इस विवादित नोटिफिकेशन पर रोक (stay) लगा दी है।
क्या था मामला?
- 8 सितंबर 2025 को सरकार ने आदेश जारी किया कि सभी ग्राम रोजगार सेवकों, कंप्यूटर ऑपरेटरों, तकनीकी सहायकों आदि को नया “स्टैंडर्ड कॉन्ट्रैक्ट” साइन करना होगा।
- कर्मचारी लंबे समय से नियमितीकरण, समय पर वेतन और स्थायी नौकरी की मांग कर रहे हैं। इन्हें बार-बार अस्थायी अनुबंध पर रखा जा रहा था, जिससे भविष्य असुरक्षित था।
- राज्य भर के 600 से अधिक ग्राम रोजगार सेवकों ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और इस आदेश को अस्थिरता, अन्याय और तुगलकी फरमान बताया।
हाई कोर्ट का फैसला
- आज सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सरकार के 8 सितंबर 2025 के आदेश पर फिलहाल रोक (stay) लगा दी।
- इससे उन सभी कर्मचारियों को राहत मिली जो इस केस में याचिकाकर्ता थे।
- इस केस के अधिवक्ता ने केस की पैरवी की। उन्होंने बताया कि अभी करीब 400 कर्मचारी केस से बाहर हैं, लेकिन यदि वे भी कोर्ट आएंगे तो उनके अधिकारों की भी रक्षा संभव है।
कर्मचारियों की प्रतिक्रिया
- कर्मचारियों का कहना है कि वे सालों से पंचायत स्तर पर सरकारी योजनाओं का संचालन और तकनीकी काम कर रहे हैं। केवल अनुबंध बदलने और नौकरी में अस्थिरता देने के बजाय सरकार को उन्हें नियमित करना चाहिए था।
- कोर्ट के इस फैसले से कर्मचारियों ने राहत की सांस ली है, किंतु जो लोग अभी कोर्ट में शामिल नहीं हुए हैं, उन्हें भी जल्दी से जल्दी अपने हक के लिए आगे आना चाहिए।
