हिमाचल के जिला हमीरपुर के रहने वाले करतार सिंह सौंखले को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंगलवार को पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया इस हमीरपुर के कलाकार को मिले पुरस्कार से जिले समेत पूरा हिमाचल गोरवान्वित महसुस कर रहा है और घर में खुशी की लहर है। सौंखले अपनी धर्मपत्नी सुनीता देवी और बेटे केतन सौंखले के साथ दिल्ली पहुंचे थे और शीशे की बोतलों में बांस की कलाकृतियां के लिए करतार सिंह ने सीधे तौर पर पद्मश्री के लिए केंद्र सरकार से आवेदन किया था। केंद्र सरकार ने पद्मश्री के लिए इसी साल 25 जनवरी को उनका चयन कर दिया था
करतार बांस की कलाकृतियां बनाकर विलुप्ती की कगार पर पहुंच चुकी कला को संजोए रखने का प्रयास किया हैं। करतार सिंह अपने शौक को पूरा करने के लिए बांस की कलाकृतियों प्रदर्शनियों में भी लगाते थे। करतार ने बांस से भगवान की मूर्तियां, एफिल टावर, ताज महल जैसी कलाकृतियां बनाई थी। करतार को बचपन से ऐसे मॉडल बनाने का बेहद शौक था और जिस बजह से उन्हें पद्मश्री दिया गया
आपको बता दें कि इनका जन्म उपमंडल नादौन के टप्पा नारा में 1 अप्रैल 1959 को हुआ था। वह एनआईटी हमीरपुर से फार्मासिस्ट के पद पर सेवाएं दे चुके हैं तथा इसके बाद मार्च 2019 में सेवानिवृत्त हो गए थे। करतार सिंह को इससे पूर्व एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स की ओर से ग्रैंडमास्टर का खिताब भी दिया जा चुका है। इंडियन एक्सीलेंसी और इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी उनका नाम दर्ज हुआ है उनके नाम बांस के टुकड़ों से बोतल के भीतर मंदिर बनाने का रिकॉर्ड भी दर्ज है