हिमाचल प्रदेश सरकार ने जरनैल सिंह भिंडरावाले की तस्वीर लगी गाड़ियों के राज्य में प्रवेश करने पर रोक लगा दी है। खालिस्तानी भिंडरावाले की तस्वीर वाले झंडे लगी गाड़ियां अब राज्य में एंट्री नहीं कर पाएंगी। इस फैसले के बारे में बोलते हुए राज्य के सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि इस तरह की तस्वीरों वाली गाड़ियों के राज्य में आने से अशांति फैल सकती है। हालांकि उन्होंने कहा कि साफ किया निशान साहिब को लेकर ऐसी कोई रोक नहीं है। निशान साहिब को सिख धर्म में पवित्र प्रतीक माना जाता है। हिमाचल सरकार के इस फैसले पर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी ने ऐतराज जताया है और राज्य के सीएम जयराम ठाकुर को खत लिखा है।
दरअसल पिछले दिनों हिमाचल प्रदेश के ज्वालामुखी और मंडी में ऐसी कई गाड़ियां देखी गई थीं, जिनमें भिंडरावाले की तस्वीर लगी थी। इस पर स्थानीय लोगों ने आपत्ति जताई थी। इसके बाद हिमाचल सरकार की ओर से ऐसी गाड़ियों के राज्य में प्रवेश करने पर रोक लगाने का ऐलान किया गया। लेकिन इस फैसले को सिख संस्था एसजीपीसी ने गलत बताया है। एसजीपीसी की ओर से सीएम जयराम ठाकुर को लिखे गए खत में कहा गया है, 'मीडिया रिपोर्ट्स से हमें आपके उस बयान के बारे में पता चलता है, जिसमें आपने जरनैल सिंह भिंडरावाले की तस्वीरों वाली गाड़ियों के हिमाचल में रोक की बात कही है। हम एक राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर आपके ऐसे बयान पर आपत्ति जताते हैं।'
एसजीपीसी के लेटर में कहा गया है, 'लोकतांत्रिक भारत में सभी धर्मों के लोगों को रहने का अधिकार है। एक सीएम के तौर पर आपकी जिम्मेदारी है कि आप शांति और सद्भाव बनाए रखें और सभी समुदायों के हितों का संरक्षण करें।' यही नहीं एसजीपीसी ने भिंडरावाले को कौमी योद्धा करार दिया है। एसजीपीसी के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने कहा कि आपका बयान सिख समुदाय की भावनाओं को आहत करने वाला है धामी ने कहा, 'हर साल बड़ी संख्या में श्रद्धालु हिमाचल जाते रहे हैं। हाल में कुछ असामाजिक तत्वों ने हिमाचल प्रदेश पुलिस की मदद से कुछ सिख युवाओं का रास्ता रोका और उनकी गाड़ियों से भिंडरावाले की तस्वीरें हटवा दीं। इस तरह से उन लोगों ने कानून को अपने हाथों में लिया था।' यही नहीं हरजिंदर सिंह धामी ने कहा कि लोकतांत्रिक देश में यह किसी का भी अधिकार है कि वह अपने नेता या आदर्श की तस्वीर लगाए। बता दें कि 1984 के ऑपरेशन ब्लू स्टार के दौरान भिंडरावाले की मौत हो गई थी।