हिमाचल प्रदेश में सवर्ण आयोग (Sawarn Ayog) को कानूनी मान्यता को लेकर शिमला (Shimla) में हुए उग्र आंदोलनमें हिंसा और बवाल के आरोप में पुलिस ने देवभूमि क्षत्रिय संगठन की लीड करने वाले रूमित ठाकुर को गिरफ्तार कर लिया. रूमित के अलावा, पुलिस ने उनके दो अन्य साथियों को गिरफ्तार किया है. तीनों की गिरफ्तारी शोघी के पास एक होटल से हुई है. तीनों बुधवार को आंदोलन के बाद होटल में ठहरे हुए थे. शिमला की एसपी मनिका भुटूगंरू ने गिरफ्तारी की पुष्टि की है।
जानकारी के अनुसार, शिमला में बुधवार को आंदोलन खत्म होने के बाद रूमित ठाकुर अपने साथियों के साथ शोघी में एक निजी होटल में रुके थे. इस दौरान वह फेसबुक पर लाइव और आए और पुलिस को रूमित की लोकेशन की जानकारी मिल गई. बस फिर क्या था, पुलिस ने रूमित को उसके साथियों के साथ धर दबोचा. सूत्रों का कहना है कि दो और महिलाओं की मामले में गिरफ्तारी हो सकती है।सर्वण आयोग को कानूनी मान्यता देने को लेकर हुए इस आंदोलन में हिमाचल पुलिस के एएसपी समेत कुल नौ जवान घायल हुए हैं. पांच जवान जहां सिरमौर के नाहन में झड़प के दौरान घायल हुए थे. वहीं, शिमला पुलिस के चार पुलिस कर्मी तारा देवी के पास पत्थरबाजी में घायल हो गए थे. इन्हें शिमला के आईजीएमसी अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. शिमला के एएसपी सुशील के सिर में तीन टांके लगे हैं।
दरअसल शिमला-कालका हाईवे पर तारा देवी में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया था, जिसमें एएसपी (ASP) समेत कई जवान चोटिल हुए. इस पर बालूगंज पुलिस ने धारा 147, 148, 149, 341, 353, 332, 307 और 147, 148, 149, 341, 188 IPC & 3 के तहत दो मामले दर्ज किए हैं. प्रदर्शनकारियों के खिलाफ सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का मामला भी बनाया गया है।
तीनों की गिरफ्तारी शोघी के पास एक होटल से हुई है. तीनों बुधवार को आंदोलन के बाद होटल में ठहरे हुए थे. शिमला की एसपी मनिका भुटूगंरू ने गिरफ्तारी की पुष्टि की है.