नूरपुर के भाजपा नेता रणवीर सिंह निक्का ने विकास खंड की मिलख पंचायत के चोंकी गांव में जनआशीर्वाद यात्रा के दौरान अपनी ही सरकार के वन विभाग पर आरोप लगाते हुए कहा कि हिमाचल में पहली बार नूरपुर तथा अन्य क्षेत्रों में खैर के पेड़ों को जड़ों के साथ काट लिया गया है। हिमाचल में वन माफिया को शह दी जा रही है तथा इसकी लीपापोती निहत्थे कर्मचारियों को सस्पैंड करके की जा रही है। निक्का ने अप्रत्यक्ष रूप से वन मंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि यदि वन का मुखिया सख्त हो तो वन माफिया की क्या मजाल। निक्का ने कहा कि नूरपुर में वन माफिया तथा नशा माफिया सरकार पर हावी हो चुका है। नशा खत्म करने के लिए एएसपी कार्यालय कागजों में तो खोला गया लेकिन राजनीतिक इच्छा शक्ति न होने के कारण आज नूरपुर तथा आसपास के क्षेत्रों में युवा नशे का शिकार हो गए हैं। निक्का ने कहा कि नूरपुर में नेता चुनाव जीत कर अपने परिवारों के बारे में सोचना शुरू कर देते हैं। जिस नेता को अपने परिवार की चिंता होती है वो जनता की चिंता नहीं कर सकते। नेताओं को अपने बच्चे दिखाई देते हैं जबकि दूसरों के बच्चे उन्हें जनसंख्या लगते हैं।
निक्का ने कहा कि वह कुछ समय से भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठा रहे है, इससे भाजपा सरकार को तकलीफ नहीं बल्कि कुछ नेताओं को तकलीफ है। जिनको मुझसे डर लग रहा है। इसी डर के कारण पार्टी से मेरा पत्ता काट रहे हैं लेकिन जनता इस बार उनका पत्ता काटने का मन बना चुकी है।
निक्का ने कहा कि नूरपुर मेंं सत्ता की सैटिंग पिछले कई सालों से चल रही है। नेताओं ने 5-5 साल बांटे हुए हैं। अब अजय महाजन साहब अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं लेकिन वह महाजन साहब से प्रश्न करना चाहते हैं कि अगर उन्होंने साढे़ 4 साल मजबूत विपक्ष की भूमिका निभाई है तो क्षेत्र में बढ़ रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज क्यों नही उठाई।