Times Of Himachal ब्यूरो
कहा जाता है कि अस्पतालों में डॉक्टर भगवान का रूप होते हैं परंतु अस्पतालों के बाहर जो लंगर लगाते हैं और गरीब जनता की भूख मिटाते हैं उन्हें भी किसी फरिश्ते से कम नहीं आंका जा सकता फिर चाहे आईजीएमसी में सर्वजीत सिंह बॉबी का लंगर हो या अन्य अस्पतालों में रोटी बैंक हो उन हजारों लोगों की भूख मिटाने के उद्देश्य से जो लंगर लगाए जाते हैं वह अपने आप में काबिले तारीफ होते हैं। वैसा ही अब हिमाचल प्रदेश के टांडा अस्पताल में होने जा रहा है क्योंकि 13 जुलाई से टांडा अस्पताल में सीता माता की रसोई लगने जा रही है और इस रसोई में सुबह 11:00 बजे से लेकर दोपहर 3:00 बजे तक रोजाना फ्री लंगर सेवा दी जाएगी और इस काम को शुरू करने जा रहे हैं हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के एडवोकेट धैर्य सुशांत!
धैर्य सुशांत जिला कांगड़ा के फतेहपुर विधानसभा से संबंध रखते हैं यूं तो पिछले उपचुनावों में इनका नाम काफी सुर्खियों में रहा था परंतु अब टांडा अस्पताल में राम का नाम लेकर सीता माता की रसोई लगाने जा रहे हैं ताकि हजारों पीड़ितों की रोजाना भूख मिटाई जा सके!
यूं तो इससे बड़ी सेवा कोई नहीं है परंतु अब देखना यह होगा कि सीता माता की रसोई टांडा में कितने दिन तक लगाई जाती है। धैर्य की माने तो उनका कहना है कि " मैं यह लंगर पहले वृंदावन में लगाने जा रहा था परंतु जब हिमाचल की तरफ देखा तो लगा कि यह लंगर हिमाचल प्रदेश के बड़े अस्पतालों में से एक टांडा अस्पताल में लगना चाहिए ताकि गरीब तथा पीड़ितों के लिए फ्री लंगर मुहैया कराया जा सके" । यूँ तो धैर्य सुशांत ने फतेहपुर की पॉलिटिकल पिच छोड़ दी है या यूं कह लें कि आउट होने पर पॉलिटिकल क्रीज छोड़ कर पवेलियन यानी शिमला लौट गए हों परंतु अब दोबारा समाज सेवा में उतरे हैं खैर यूँ तो राजनीति का मकसद भी समाज सेवा होता है लेकिन राजनीतिक तरीके से समाज सेवा ना करते हुए सीधे धैर्य सुशांत अब समाज सेवा में उतरे हैं। देखना यह दिलचस्प होगा कि सीता माता की रसोई आखिर कितने दिन चलती है परंतु जितने भी दिन चलेगी इससे निसंदेह गरीब असहाय जनता की सेवा जरूर होगी।