Rupansh Rana
खबर से कब्र खोदने फिर आपके बीच आये हैं और इस बार खबर लाएं हैं विधानसभा फतेहपुर की। वही विधानसभा फतेहपुर यहां पिछले उपचुनावों के बाद Kangra की मौसमी गर्मी तो बढ़ी लेकिन भाजपाई नेताओं की गर्मी खत्म होती दिखी। पिछले उपचुनावों में भवानी पठानिया ने जीत की पताका लहराते हुए जय भवानी के नारे को अपने राजनीतिक करियर पर सदा के लिए अमर कर दिया तो वहीं भाजपा के टिकट चाहवान पीछे की ओर गए।
खबर के टाइटल की जड़ तक जाने से पहले सिलसिलेबार बता दें कि इस समय फतेहपुर भाजपा 3 फाड़ नजर आ रही है तो वहीं कांग्रेस भी कहीं दो फाड़ के शुरुआती कगार पर है। भाजपाई नेता जो टिकट की हुंकार भरते थे वह कहीं दिखाई नही दे रहे हैं क्योंकि चुनाव फिर से सर पर हैं और ऐसे में जनता के बीच लगातार एक ही नेता बलदेव ठाकुर जा रहा है तो वहीं पंकज हैप्पी समेत तमाम वो लॉबी कहीं गायब है जो ये हुंकार भरते हुए कहती है कि "मैं सीट निकाल सकता हूँ"। फतेहपुर भाजपा के पोस्टमार्टम की रिपोर्ट ये कहती है कि कहीं न कहीं अब भाजपाई भी ये कहते लगें हैं कि भवानी को टक्कर देना अब मुश्किल है और लोहे को लोहा कटेगा पर आखिर वह लोहा होगा कौन? बलदेव ठाकुर दो बार भाजपा तथा एक बार आजाद चुनाव लड़कर हार चुके हैं लेकिन आज भी जनता के बीच डटे हुए हैं।
अब कांग्रेसी कश्ती की बात करें तो कांग्रेस की ठेकेदार लॉबी भी कहीं रुष्ट नजर आ रही है वो खबर जल्द देंगे परन्तु सवाल ये है कि जो भाजपाई टिकट के समय "जय श्री राम तथा कौन आया कौन आया शेर आया शेर आया" का नारा लगाते हुए टिकट के लिए जी जान एक कर देते हैं वह नेता आखिर कहां है? क्या भवानी पठानिया को उन्होंने अगला MLA तो नही मान लिया और मेहनत करना छोड़ दी हो? मामला जो भी हो पर भाजपाइयों की हालत खस्ता और रुतबा सस्ता होता जा रहा है।
सड़क किनारे पुली पर बैठे भाजपाई ताऊ ने भी तंज कसते हुए गुस्से में कह दिया है कि " इनी भवानिएं भाजपाइयाँ दे पासे सेकी ते न, ए नि जांधा हुन 15 साल कुथु भी"
इन शव्दों का बेशक कहीं असर न हो पर याद रहे लोहे को लोहा काटता है और विश्लेषण हम नही बल्कि विधानसभा के वो गुप्त भाजपाई भी सोच रहे हैं जो पिछले चुनावों की मार से सदमे में हैं।